शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI-दुधवा के लाडले हाथी बटालिक की मौत का राज अब बरेली आईवीआरआई में खुलेगा। चार डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम के बाद उसका बिसरा सुरक्षित कर बरेली भेज दिया है। बिसरा की जांच के बाद बटालिक की मौत का राजफास हो सकेगा और पता चलेगा कि बटालिक की मौत की वजह क्या है।
*बटालिक की हुई थी मौत:-*
बताते चलें कि दुधवा पर्यटन सत्र की समाप्ति के दिन ही दुधवा के लाडले युवा हाथी बटालिक की मौत हो गई थी। बताया जाता है कि बटालिक पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा था। वह नियंत्रण से बाहर होने के साथ ही हिंसक भी हो जाता था। ऐसे में पार्क प्रशासन ने उसे दुधवा बेस कैंप से हटाकर के सलूकापुर एलीफेंट कैम्प तक पहुंचा दिया था। यहां उसका लगातार इलाज चल रहा था। इलाज के बाद भी बटालिक की तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। बीती 14 जून को पर्यटन सत्र समाप्ति से ठीक एक दिन पहले जब बटालिक की बेहोशी टूटी तो डॉक्टरों में भी कुछ उमीद जगी। लेकिन 15 जून को एक बार और बटालिक की तबीयत बिगड़ी और इस बार सीधा उसकी मौत की खबर आई।
*पार्क प्रशासन में पसरा सन्नाटा:-*
युवा हाथी बटालिक की मौत के बाद पार्क प्रशासन में सन्नाटा पसर गया। इसके बाद बटालिक का पोस्टमार्टम चार डॉक्टरों के पैनल द्वारा किया गया। जिसमे लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक डॉक्टर उत्कर्ष शुक्ला, पशु चिकित्सा डॉक्टर जेवी सिंह, डब्ल्यूटीआई की डॉक्टर पक्ष और रितिका ने बटालिक का पोस्टमार्टम किया। दुधवा पार्क के निदेशक रमेश कुमार पांडे ने बताया कि बटालिक के पोस्टमार्टम में उसके तीन अंग खराब निकले है। बटालिक के लीवर, किडनी और दिल खराब हो चुके थे। इस वजह से उसकी मौत हुई है। उसका अंदरूनी सिस्टम इतना बिगड़ चुका था। कि दिल तक खून नहीं पहुंच पा रहा था। हालांकि अभी भी बटालिक की मौत की अन्य भागों की जानकारी बाकी है। इसके लिए इसका बिसरा प्रिजर्व करके आईवीआरआई बरेली को भेजा गया है। जिससे उसकी मौत का कारण स्पष्ठ हो सके। वही रमेश पांडे ने युवा हाथी बटालिक की मौत पर गहरा अफसोस भी व्यक्त किया है।