बलरामपुर में वन अधिकारियों के संरक्षण में हो रही अवैध कटान……


बलरामपुर :(NOI)वर्तमान समय मे देश और दुनिया के लोग कोरोना की महामारी से जूझ रहे है और इन सभी देशों की सरकारें इस भयावह अनजान बीमारी ने निजात पाने की जददोजहद कर रहे है।अपने मुल्क भारत में भी कोरोना से बचाव के लिये देश की सरकार के निर्देशन पर 21 दिन का लॉक डाउन घोषित हैं जिसका सख्ती से अनुपालन कराने में प्रशासन कमर तोड़ मेहनत कर रही है ,ऐसे में देश विरोधी ताकतें भी सक्रिय हैं और मौके का फायदा उठाने की कोशिस करते हुये प्रशासन के लिये सरदर्द बनते जा रहे हैं।ताजा मामला जिले के वन माफिया सक्रिय होकर अवैध कटान करने में जुट गये है।जानकारी के मुताबिक जनपद के बेलभरिया बिट में हजारों बेसकीमती सेखुवा ,सीसम, सहगवन के पेड़ों को कुल्हाड़ियां व आरों की भेंट चढ़ाया जा रहा है।सूत्रों के मुताबिक क्षेत्रीय व अधिकारियों की सह पर उनकी नाक के नीचे चीफ कजिबेटर सुजाय बनर्जी गोंडा, डीएफओ रजनीकांत मितल , एसडीओ अनिल श्रीवास्तव के सह पर काटे जा रहे हैं जंगल से हजारों हरे पेड़ कटे मिले बेलभरिया बिट में बन दरोगा भरत लाल यादव के मिली भगत से ग्रामीणों के शिकायत करने पर बनअधिकारी मुकदमा दर्ज करने के लिए देते हैं धमकी और इस जंगल के आसपास बसे ग्रामीण जंगल के अधिकारी और तस्करों के आतंक से हैं परेशान होकर हाथ जोड़कर कहते हैं हमारी इस धरोहर संपदा को बचा लीजिए नहीं यह अधिकारी सारा जंगल तस्करों से कटवा करके बेच देंगे।
बन विभाग के उच्च अधिकारी अपने नीचे अधिकारियों को बचाने में जुटे रहते हैं क्योंकि नीचे से ही पैसा ऊपर तक अपने आका तक पहुंचाते हैं अधिकारी
नेपाल के तस्करों से जंगल के अधिकारी एक पेड़ की कीमत 5 से ₹7000 में बेचते हैं
दर्जनों तस्कर रात के अंधेरे मे 1 से 2 बजे आते हैं जंगल से लकड़ी काटकर
साइकिल पर लादकर बैलगाड़ी पर पहाड़ी नदी में भरा पानी को तैराकर ले जाते नेपाल के तस्कर
दर्जनों आरा मशीन अवैध रूप से चल रहे हैं पहाड़ी नदी के उस पार जहां भारत के जंगलों के लकड़ी की होती है बिक्री होती है चिरान।