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Wednesday, January 22, 2025

बहराइच की शांति प्रिय जनता अपने जनपद में कर रही है कर्तव्य परायण एंव निष्ठावान पुलिस ऑफिसर श्रेष्ठा ठाकुर का स्वागत………

बी जे पी सरकार को नही भा रहे निष्पक्ष और ईमानदार छवि वाले अफसर,कर्तव्यों एंव कानून का पालन करने पर सी ओ श्रेष्ठा को मिली ट्रांसफर की सजा।


बहराइच :(अब्दुल अजीज)NOI :-केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार ईमानदारी और निष्पक्षता से शासन करने का भले ही ढोंग कर रही हो परन्तु उसकी करनी और कथनी में फर्क देश और प्रदेश की कानून व्यवस्था से आसानी से लगाया जा रहा है।जहां तक उनकी निष्पक्षता की बात है तो ये बात किसी से छिपी नही है कि पूरे देश मे भगवाधारी भाजपाइयों का ताण्डव किस कदर परवान चढ़ गया है और निष्पक्षता की दुहाई देने वाली सरकार दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के बजाय परोक्ष हो या अपरोक्ष रूप से वह अपने कार्यकर्ताओं के बचाव में ही खड़ी दिखाई पड़ रही है।हालात यहां तक पहुंच गये हैं कि देश के एक वर्ग विशेष को निशाना बनाते हुये उनका उत्पीड़न और हत्याओं का दौर शुरू हो गया है।यही नही निष्पक्षता और ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाते हुए कानून के रखवालों व प्रशासनिक लोगों से बदले की भावना से हो रहे व्यवहार ने कर्मचारी वर्ग को बगावत पर मजबूर कर रहा है।उत्तर प्रदेश में ईमानदारी से कार्य करने वाली महिला अधिकारी बी चंद्रकला के बाद अब पुलिस ऑफिसर श्रेष्ठा को ईमानदारी की सजा स्वरूप ट्रांसफर की सौगात से नवाजा गया है।बुलन्दशहर में लॉ एण्ड आर्डर की रक्षा करते हुए
भाजपा नेता को सबक सिखाने वाली महिला पुलिस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर का शनिवार को बुलंदशहर से बहराइच तबादला कर दिया गया है।उनके ट्रांसफर का कारण कोई सामान्य परिस्थितियां नही थी बल्कि
कुछ दिन पहले गुंडागर्दी कर रहे रहे बीजेपी नेता को जम कर फटकार लगा देने वाली एक महिला पुलिस अधिकारी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चर्चित हुआ था | और सबने इस बहादुर महिला पुलिस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर की प्रशंसा भी की थी।पर योगी सरकार को श्रेष्ठा ठाकुर की सख़्ती पसंद नहीं आई।
दरअसल श्रेष्ठा ठाकुर बुलंदशहर में सीओ के पद पर तैनात थीं । पुलिस ने बीजेपी के स्थानीय नेता प्रमोद लोधी का ट्रैफिक रूल तोड़ने पर चालान किया था। चालान काटे जाने से नाराज प्रमोद ने पुलिस से हाथापाई तक की कोशिश की इसके बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने श्रेष्ठा ठाकुर के साथ बदसलूकी की।
बीजेपी कार्यकर्ताओं और श्रेष्ठा ठाकुर के बीच बहस की इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
कार्रवाई करते हुए श्रेष्ठा ठाकुर ने बुलंदशहर के इस बीजेपी नेता समेत कुल पांच लोगों को पुलिस कार्यवाई में दखल देने और पुलिस अधिकारी से दुर्व्यहार करने के आरोप में जेल भेजा था।
अब लेडी सिंघम श्रेष्ठा के तबादले के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या उन्हें भी चन्द्रकला की ही तरह अपनी ड्यूटी ठीक से करने कि सजा भुगतनी पड़ रही है ।
गौरतलब है कि यूपी की पिछली सरकार में भी एक निडर पुलिस अधिकारी बी चंद्रकला को अपनी इमानदारी कि कीमत चुकानी पड़ी थी ।अब बहराइच में तैनाती मिलने के बाद उनकी कर्तव्य निष्ठा और ईमानदारी से प्रभावित बहराइच की जनता अपने आप को धनी मान रही है और उनके आगमन का इंतजार करते हुये ये महसूस कर रही है कि वह यहां की जनता को जरूर न्याय दिलाएंगी।

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