एजाज अली
हिंदी उत्थान के लिए इस भाषा के प्रति हमारी गहरी निष्ठा का होना आवश्यक है ।जब तक हमारे अंतर्मन में हिंदी के प्रति अपनापन नही होगा ।तब तक उसका उत्थान नही होगा हो सकेगा ।
साल में एक बार हिंदी दिवस ,सफ्ताह या पखवारा मना लेना अथवा सरकारी आदेश के अनुपालन में हिंदी में कार्य करने का संकल्प लेने मात्र से इस भाषा को हम वह दर्जा पाएंगे जिसकी वह हक़दार है ।
बहराइच के एसपी डॉ० विपिन कुमार मिश्र छात्र जीवन से ही हिंदी के प्रति समर्पित रहे है ।वे विभागीय कार्यो को हिंदी में ही करने की वरीयता देते है ।
डॉ० मिश्र बताते है कि हिंदी के प्रचार – प्रसार के लिए सरकार व गृह विभाग पूरी तरह प्रतिबद्ध है ।पुलिस विभाग में हिंदी में काम करने को वरीयता और प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
स्थनीय स्तर पर पर वे मुकदमो की सारी कार्यवाई हिंदी में ही करने का प्रयास कर रहे है अभी अनेक स्तरों पर अंग्रेजी का बोलबाला है , उसे धीरे -धीरे सामान्य बोलचाल में परिवर्तित करके सबके समझ मे आने वाली भाषा के रूप में विकसित कर पुलिस की कार्य प्रणाली को नया आयाम दिया जा रहा है।एफआईआर दर्ज करने से लेकर प्राथर्ना पत्रो का निस्तारण भी सामान्य जन की भाषा मे करने का प्रयास कर रहे है ।इसे बढ़ावा देने के लिए हिंदी के ऐप का भी प्रयोग कर रहे है।