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Wednesday, January 15, 2025

बहराइच पुलिस का अजब कारनामा,फर्जी मामलों का तोड़ा रिकार्ड,घर से बुला चरस तस्करी में युवक को भेजा जेल,इंसाफ न मिलने पर परिजनों ने पुलिस कार्यालय में जहर खाने की दी धमकी……..

फखरपुर थानेदार ने किया बड़ा खेल, खाना खा रहे मुस्लिम युवक को NDPS में भेजा जेल,,,,,,

बहराइच :(अब्दुल अजीज) NOI:- जिले के थाना फरखपुर इलाके में थानाध्यक्ष कपिल देव चौधरी पर एक बेगुनाह को चरस तस्कर बनाकर एनडीपीएस की धाराओं में जेल भेजने का संगीन आरोप लगा है।इस सिलसिले में इलाके के सैकड़ों लोगों ने आरोप लगाया है कि थाना फखरपुर के थानेदार कपिल देव चौधरी दल बल के साथ बीती रात अचानक सराय काजी गांव में पहुंच गये थे, जहां असलम नाम के एक युवक को उसके घर से खाना खाते समय पकड़कर अपने साथ थाने ले इस बारे में जब उसके घर वालों ने कारण जानना चाहा तो बताया कुछ पूछताछ करनी है और उसके बाद छोड़ देंगे लेकिन थानाध्यक्ष ने अपने पास से डेढ़ किलो चरस रखकर उसे एनडीपीएस की धाराओं में जेल रवाना कर दिया।
इस मामले की जानकारी जब घर वालों को हुई तो आस पड़ोस के सैकड़ों ग्रामीणों के साथ पीड़ित परिजन एसपी आफिस पहुंचे। पीड़ित परिवारीजनों का कहना है कि अगर इंसाफ नहीं मिलेगा तो हम सभी सामूहिक रूप से एसपी दफ्तर में जहर खाकर जान दे देंगे। एसपी कार्यालय में थानेदार की शिकायत करने पहुंची पीड़ित परिवार की महिलाओं ने SP ग्रामीण रवींद्र कुमार सिंह के सामने चीख चीख कर अपना दर्द बयां किया कि किस तरह फखरपुर के थानेदार कपिल देव चौधरी ने असलम नाम के एक युवक को अपराधी बनाकर जेल भेजने का काम किया है।
पीड़ित परिजनों की शिकायत को सुनकर एसपी ग्रामीण ने मामले की जांच कराकर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अब सोचने की बात ये है कि थानेदार साहब को डेढ़ किलो चरस की खेप कहां से मिली? जिसका ठीकरा असलम के नाम पर फोड़ दिया गया। इलाके के लोगों का कहना है कि सत्ता धारियों से ऊंची पहुंच का हवाला देकर आरोपी थानेदार ने इलाके में काफी समय से अंगद की तरह पांव जमाकर कोहराम मचा रखा है। नियम कानून को ताख पर रख मनमर्जी का सिक्का चला रहा है।
फखरपुर थाना क्षेत्र के सरायकाजी गांव के रहने वाले असलम को बीते रात फखरपुर की पुलिस ने उसके घर से उस वक्त अरेस्ट किया, जब वो अपने परिवार के साथ खाना खा रहा था। जब घर वालों ने कारण पूछा तो थाने आने की बात कहकर चलते बनें। वहीं, जब ग्राम प्रधान के साथ पीड़ित परिजन थाने पहुंचे तो पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया और दूसरे दिन उसके पास से डेढ़ किलो चरस की बरामदगी दिखा कर जेल भेज दिया। परिजनों का कहना है कि पीड़ित का कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं रहा है और न ही पुलिस ने गिरफ्तारी के वक़्त उसकी किसी तरह की तलाशी ली है। परिजन साफ़ तौर पर पुलिस को दोषी ठहरा रहे हैं।

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