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Sunday, December 8, 2024

बहराइच में बीमार बच्चों की मौत पर शुरू हुई राजनीति,जिले के प्रभारी मंत्री ने दिया विवादित बयान,मरने वाले बच्चों के अभिभावकों को ठहराया कुसूरवार,82 बच्चों की हो चुकी है अब तक मौत………

बहराइच में बीमार बच्चों की मौत पर शुरू हुई राजनीति,जिले के प्रभारी मंत्री ने दिया विवादित बयान,मरने वाले बच्चों के अभिभावकों को ठहराया कुसूरवार,82 बच्चों की हो चुकी है अब तक मौत………

बहराइच :(अब्दुल अजीज)NOI:- तराई के जनपद बहराइच में बाढ़ के बाद फैली महामारी से जहां अब तक 82 बच्चों की असामयिक मौत हो चुकी है वहीं सैकड़ों की तादाद में इससे ग्रषित बच्चे जिला अस्पताल सहित विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं परन्तु इस भयानक बीमारी से निपटने के लिये सरकार से लेकर किसी भी सामाजिक संगठन की ओर से कोई भी ठोस प्रयास नही किये जा रहे हैं उल्टे लोग इन मृतक मासूम बच्चों की अर्थी पर राजनीति करने को उतारू दिखाई दे रहे हैं।इसी क्रम में आज जिला मुख्यालय पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री व यू पी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इन मासूमों की मौत पर संवेदना व्यक्त करने के बजाये पत्रकारों से बात चीत में इनकी मौतों के लिये खुद उनके ही अभिभावकों को कुसूरवार ठहराते हुए एक तरीके से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था और स्वास्थ्य विभाग का बचाव करते दिखाई दिये यहां तक कि जिले के प्रभारी मंत्री होने के बाद भी उन्होंने अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे सैकड़ों बच्चों का हाल चाल लेना भी मुनासिब नही समझा और एक बार फिर उन्होंने अपना ये विवादित बयान देकर सरकार की करनी और कथनी पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए उसे कटघरे में खड़ा कर दिया है।वही दूसरी तरफ इन मासूमों की मौत पर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिये विभिन्न पार्टी के राजनेता जिला अस्पताल पहुंच कर उनका हाल चाल भले ही ले रहे हैं लेकिन कोई भी इस दूषित स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ आवाज़ उठाने वाला नही है।हम सबको वह दिन याद है कि जब गोरखपुर मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी से बहुत से बच्चों की मौत हो गयी थी,मुख्यमंत्री का वह क्षेत्र होने के नाते उस काण्ड को प्रमुखता से लेते हुए बहुतों को जेल की हवा भी खानी पड़ी थी मगर बहराइच में इस प्रकरण पर कार्यवाही करने की बात तो दूर रही किसी ने कोई आवाज़ उठाना भी मुनासिब नही समझा।विदित हो कि बहराइच जनपद तराई का ऐसा इलाका हैं जहाँ प्रति वर्ष बाढ़ आती है और जाते समय अपने पीछे तमाम जान लेवा संक्रामक बीमारियां झोड़ जाती है लेकिन उसकी रोक थाम और बचाव के लिये शासन स्तर पर ठोस कार्य योजना बनाई जाती है और उस पर अमल कर लोगों के जीवन की रक्षा की जाती है लेकिन इस बार जिले में ऐसी कोई व्यवस्था नही दिखाई दी जिसके नतीजे ये इतनी बड़ी जनहानि देखने को मिली है और उसपर हमारे शासन व प्रशासन के लोग ऐसे घ्रणित बयान बाजी कर अपराधियों को बचाने में जुटे दिखाई पड़ रहे हैं।अब देखना ये है कि प्रदेश के मुखिया गोरखपुर की तरह बहराइच की इस घटना को भी संज्ञान लेते हुये मृतक मासूमों की आत्मा को न्याय दिलाते हैं अथवा नही।

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