बहराइच में सम्पन्न हुआ राष्ट्रीय बालिका दिवस ,,,,
बहराइच :(अब्दुल अजीज) राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है | इस दिवस का मुख्य उद्देश्य सदियों से लड़कियों के प्रति होने वाले भेद भाव के प्रति लोगों को जागरूक करना है | इस अवसर पर देवीपाटन मण्डल के कई जिलों मे रैली और गोष्ठियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया गया | जिसमे जनपद बहराइच मे उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ पी0 के0 बांदिल ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से “राष्ट्रीय बालिका दिवस” रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया | इस अवसर पर डॉ बांदिल ने लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रूण हत्या और बाल विवाह पर विस्तृत चर्चा की | उन्होने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर लड़कियों के विकास को एक अभियान के रूप मे मान कर भारत सरकार ने इस दिवस की शुरुवात की | ताकि समाज मे लड़कियों की स्थिति बेहतर हो सके, उन्हे हर वो मौका और सुविधाएं मिले जो उनके लिए आवश्यक हैं | कन्या भ्रूण ह्त्या और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को रोकने के लिए उन्होने लड़कियों की शिक्षा को आवश्यक बताया |
इसी क्रम मे जनपद श्रावस्ती के पाण्डेय पुरवा प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण मे नांदी फाउंडेशन के प्रोग्राम ऑफिसर शिल्पी सिंह ने बालिका दिवस के उपलक्ष्य मे बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और जीने के अधिकार के बारे मे चर्चा कर भव्य रैली का आयोजन किया | वहीं जनता इंटर कालेज पटना खरगौरा मे सामुदायिक विकास समिति की अध्यक्ष गुलशन जहां ने कन्या भ्रूण हत्या, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, दहेज व बाल विवाह पर चर्चा की | उन्होने कहा कि हमारे समाज मे लड़कियां आज से नहीं बल्कि हमेशा से जीवन के हर मामले मे पक्षपात का सामना करती हैं, फिर चाहे वह शिक्षा का अधिकार हो, पौष्टिक आहार हो, कानूनी अधिकार हो, स्वास्थ्य सुविधाएं हों या फिर सुरक्षा और सम्मान ही क्यों न हो |
नेशनल फ़ैमिली हैल्थ सर्वे 2015 – 16 के आंकड़ों पर गौर करें तो बाल विवाह की स्थिति जनपद बहराइच मे 40.9 प्रतिशत, श्रावस्ती मे 68.5, गोंडा मे 48.6 और बलरामपुर मे 41.5 प्रतिशत है | कम उम्र मे लड़कियों का विवाह कर देने की प्रथा उनसे न सिर्फ उनका बचपन छीन लेती हैं बल्कि एक तरह से इससे उनके पूरे जीवन को ही हांशिए पर डाल दिया जाता है |
अंबेडकर नगर मे राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर जिला प्रोवेशन विभाग द्वारा जिला चिकित्सालय में गुरूवार को जन्मी आठ बच्चियों के माता-पिता को बेटी जन्मोत्सव सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। सुबोध कुमार सिंह जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों पर लाडली दिवस मनाया जाता है। जहां पर तीन वर्ष से 11 वर्ष तक बच्चियों को पौष्टिक आहार व स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाता है।