शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI- गन्ना ले जाने की जिद पर अड़े एक प्रधान पति की बात एक ट्रैक्टर चालक का न मानना प्रधान का ‘ईगो हर्ट’ कर गया। प्रधान ने चालक से साफ कहा दिया कि या तो वह उनका गन्ना ले कर जाएगा या फिर गोली खाएगा। अपने हठ पर उतरे प्रधान ने बात न मानने पर चालक की ट्राली तक अपने खेत में खड़ी करवा ली। तीन दिन बाद जब चालक अपनी ट्राली ले जाने के लिए गन्ना उतरवा रहा था इसी बीच खबर पाकर पहुंचे प्रधान पति ने अपनी धमकी को अमलीजामा पहनाते हुए चालक को दो गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों ने हंगामा काटना शुरू कर दिया। मौके की नजाकत देख प्रधानपति ने भागने में ही भलाई समझी और चौकी पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस घटना स्थल पर पहुंचे लेकिन ग्रामीणों ने शव ले जाने ही नहीं दिया। तब एएसपी खीरी गांव पहुंचे और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत किया। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
गन्ना ले जाने के लिए ट्रैक्टर-ट्राली मंगवाई।
घटनाक्रम के अनुसार, खीरी थाना क्षेत्र के ग्राम देवरिया निवासी जय प्रकाश (45) पुत्र बनवारी लाल किराये पर ट्रैक्टर-ट्राली चलाता है। गांव के प्रधानपति प्रदीप वर्मा ने 10 अप्रैल को गन्ना ले जाने के लिए जय प्रकाश की ट्रैक्टर-ट्राली मंगवाई। खेत में ट्राली खड़ी कर उस पर गन्ने की फांदी लाद दी गई। जिसके बाद किसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया और जय प्रकाश ने गन्ना ले जाने से मना किया। दोनों दिन तक गन्ना लदी ट्राली प्रधान पति के खेत में खड़ी रही। जिसके बाद 12 अप्रैल को जय प्रकाश के ससुर ने बीच-बचाव किया। लेकिन प्रधानपति हर बात को नकार कर सिर्फ अपना गन्ना जय प्रकाश की ट्राली से ले जाने की बात पर अड़ा रहा। आरोप है कि प्रधान पति ने साफ तौर पर धमकी दी कि उसका गन्ना ले जाएगा तो जय प्रकाश की ही ट्राली पर और ले भी जय प्रकाश ही जाएगा। गन्ना पहुंचाए बिना यदि ट्राली ले जाने की कोशिश भी की तो वह जय प्रकाश को गोली मार देगा।
कनपटी से असलहा सटाकर दूसरी गोली मारी इस धमकी को जय प्रकाश ने गंभीरता से नहीं लिया। ठीक दूसरे दिन 13 अप्रैल को वह अपनी ट्राली पर लदे ग्राम प्रधान पति के गन्ने को उतरवाने लगा। यह खबर तुरंत ही प्रधान पति को उनके गुर्गों ने पहुंचा दी। बस फिर क्या था गुस्से में तमतमाया प्रधान पति प्रदीप वर्मा अपने चाचा उत्तम वर्मा के साथ खेत पर पहुंच गया और गन्ना उतार रहे जय प्रकाश को गोली मार दी। गोली लगते ही जय प्रकाश लहूलुहान होकर ट्राली से नीचे गिर गया। उसके नीचे गिरते ही प्रदीप ने उसके पास पहुंचकर
*कनपटी से असलहा सटाकर दूसरी गोली मार दी जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई।*
घटना की जानकारी ग्रामीणों को हुई तो पूरे गांव में हंगामा होने लगा। मौके की नजाकत को भांपते हुए प्रधान पति ने घटनास्थल से भागने में ही भलाई समझी। वह स्थानीय चौकी पहुंचा और घटना की जानकारी देते हुए खुद को पुलिस के सुपुर्द कर दिया। उधर घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने हंगामा काटना शुरू कर दिया। मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस जब मामले को संभाल नहीं पाई तो उच्चाधिकारियों को जानकारी दी। जिसके बाद एएसपी पश्चिमी घनश्याम चौरसिया मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन देकर ग्रामीणों को शांत कराया। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
*मुझे बचाने के लिए तैयार हैं तीस लाख रुपए।*
अहम में डूबे प्रधानपति प्रदीप वर्मा को अपने पैसे पर इतना घमंड था कि वह किसी को भी खरीद सकता है। प्रदीप द्वारा जय प्रकाश से कहे गए शब्दों से तो ऐसा ही प्रतीत होता है। 12 अप्रैल को जब प्रदीप ने जय प्रकाश को धमकी दी थी कि वह उसको गोली मार देगा। प्रदीप ने यह भी कहा था कि जय प्रकाश की हत्या के बाद उसे कुछ नहीं होगा। अपने बचाव के लिए उसके पास 30 लाख रुपए हैं जिससे वह सबको खरीद लेगा।