शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI- सजा और जुर्माने से बचने लिए एक पिता ने ऐसा षडयंत्र रचा जिसने रिश्तों पर से ही भरोसा उठा दिया। खुद को बचाने के लिए पिता ने अपने भाई के साथ मिलकर अपनी ही मासूम बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी। हत्या का आरोप उसने मुकदमा दर्ज कराने वाले विपक्षियों पर लगा दिया। लेकिन जब तफ्तीश शुरू हुई तो शक की सुई वापस उसी पर आकर टिक गई। पुलिस ने जब पिता को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ शुरू की तो उसने खुलासा किया। पुलिस ने हत्यारे पिता और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया है।
एसपी ने किया खुलासा:-
पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक राम लाल वर्मा ने बताया कि 30 जून को निघासन थाना क्षेत्र के ग्राम बिनौरा निवासी मुरसलीन पुत्र बसीर ने थाने पर सूचना दी कि उसकी भतीजी मदीना की हत्या कर दी गई है। वहीं उसके भाई वाहिद को चाकू मारकर घायल कर दिया। इस मामले में उसने तीन नामजद व दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार त्यागी ने जब जांच शुरू की तो मिले सुबूतों ने वादी व उसके भाई को ही शक के दायरे में ला दिया।
पुलिस ने किया गिरफ्तार:-
पुलिस ने मंगलवार की दोपहर वादी मुरसलीन और उसके भाई वाहिद को गिरफ्तार किया। कड़ाई से पूछताछ करने पर दोनों ने मदीना की हत्या करना स्वीकार किया। वाहिद ने बताया कि जिन तीन लोगों को बेटी की हत्या में नामजद किया गया था उन लोगों ने 18 जून को उस पर अपनी बहन आसिया को भगा ले जाने का मुकदमा दर्ज कराया था। आसिया रिश्ते में वाहिद की-साली थी। 29 जून को पुलिस ने आसिया को बरामद कर लिया। इस बीच वाहिद को पता चला कि आसिया अपने घर वालों के पक्ष में और उसके खिलाफ बयान देने जा रही है। किसी ने बताया कि यदि वह पकड़ा गया तो करीब पांच लाख रुपया जुर्माना और सात-आठ साल की उसे सजा होगी।
खुद को बचाने में जुटा:-
सजा और जुर्माने की बात सुनकर वाहिद घबरा गया। उसकी न तो पांच लाख जुर्माना भरने की हैसियत थी और न ही वह जेल जाना चाहता था। ऐसे में वह खुद को बचाने की उधेड़बुन में जुट गया। आखिरकार उसे अपनी सात साल की बेटी उसे बचाने का रास्ता नजर आई। खुद को बचाने के लिए उसने बेटी की बलि चढ़ाने की योजना बनाई। भाई मुरसलीन के साथ मिलकर उसने अपनी बेटी की दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद को चाकू मारकर घायल कर लिया।
पुलिस टीम को मिला ईनाम:-
इकबालेजुर्म के बाद पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया। एसपी ने बताया कि हत्यारों की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त दुपट्टा और चाकू बरामद कर लिया। घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम ईनाम की हकदार है। उन्होंने टीम को 15 हजार रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की।