लखनऊ,NOI।बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में पूर्व सांसद राम विलास वेदांती समेत पांच लोगों ने शनिवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने सभी को 20-20 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। इंदिरा नगर के आई.सी.एम.आर.टी. भवन में लगाई गई कोर्ट में भारी सुरक्षा व्यवस्था रही। आरोपी पक्ष के वकील द्वारा कोर्ट में पहले सरेंडर एप्लीकेशन दाखिल की गई थी।
आरोपी पक्ष के वकील ने जमानत के लिए आवेदन लगाया है। इस मामले में पूर्व सांसद राम विलास वेदांती, विहिप नेता चम्पत राय, बैकुंठ लाल शर्मा, महंथ नृत्य गोपाल दास महाराज, धर्मदास महाराज और शिवसेना नेता सतीश प्रधान को कोर्ट से नोटिस जारी हुई थी। इसमें सतीश प्रधान को छोड़कर अन्य पांचों ने सरेंडर कर दिया है। आरोपी पक्ष के वकील मनीष त्रिपाठी ने बताया कि अस्वस्थ्य होने के कारण सतीश प्रधान हाजिर नहीं हो सके, वह बुधवार को सरेंडर करेंगे। मामले की अगली तारीख में देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी भी सरेंडर कर सकते हैं।
बाबरी विध्वंस मामले में शनिवार को पूर्व सांसद राम विलास वेदांती समेत पांच आरोपी सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेश हुए। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी पूर्व सांसद राम विलास वेदांती, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेता गणपत राय, बैकुंठ लाल शर्मा, महंत नृत्य गोपाल दास महाराज, धर्मदास महाराज सीबीआई कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट 19 अप्रैल को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और केंद्रीय मंत्री उमा भारती सहित अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाया जाएगा। इसी के तहत आज लखनऊ की अदालत में नेता पेश हुए। जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष और जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन की सदस्यता वाली पीठ ने आपराधिक साजिश के मामले को बहाल करते हुए मामले को रायबरेली से लखनऊ स्थानांतरित कर दिया। कोर्ट कहा था कि लखनऊ की अदालत आडवाणी व अन्य के खिलाफ अतिरिक्त आरोप तय करेगी और उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई नए सिरे से नहीं होगी और मामले की सुनवाई पूरी होने तक न्यायाधीश का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई दो साल के भीतर पूरी करने का आदेश देते हुए कहा कि मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन के आधार पर होगी और सामान्य स्थिति में सुनवाई टाली नहीं जाएगी। अयोध्या में बाबरी विध्वंस मामले में आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार (बीजेपी), साध्वी ऋतंभरा, आचार्य गिरिराज किशोर, स्वर्गीय अशोक सिंघल व विष्णु हरि डालमिया (विहिप) पर छह दिसंबर 1992 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद गिराए जाने से पहले रामकथा कुंज में एक मंच से भाषण देने को लेकर मुकदमा चल रहा है।