दीपक ठाकुर
बिहार में चुनाव का बिगुल बज चुका है सत्ता धारी एनडीए और आरजेडी में खुला संघर्ष दिखाई भी देने लगा है लोक लुभावने वादों की भरमार होने लगी है और एक दूसरे की टांग खीचने वाला संबोधन भी शुरू हो गया है।लालू के लाल तेजस्वी का कहना है कि अगर वो सत्ता में आये तो दस लाख सरकारी नौकरी देंगे इससे भाजपा को लगा कि अरे ये बात तो बिहार की जनता को भा जाएगी तो तुरंत सुशील मोदी जी ने कहा ये असम्भव है तेजस्वी ऐसा कर ही नही सकते अब उन्हें क्या पता था कि खुद उनकी ही पार्टी यानी भाजपा 19 लाख नौकरी देने की बात कर देगी तो बेचारे खुद ही ठगा गए।यहां तक तो ठीक था लेकिन भाजपा ने अपने घोषणा पत्र ने जो एक बात और लिखी वो काफी परेशान करने वाली है क्योंकि उस बात का बिहार की जनता से ही नही समूचे देश की जनता से काफी लेना देना है।
भाजपा ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो बिहार में मुफ्त वेक्सीन दी जाएगी अब बताइये जिस वेक्सीन के लिए पूरा विश्व युद्ध स्तर पर काम कर रहा है उस वेक्सीन का उद्घाटन बिहार चुनाव के बाद ही होगा क्या अब तो ऐसा लगता है कि कोरोना महामारी के निदान के लिए भाजपा को ही बिहार की जनता को चुनना पड़ेगा नही तो वेक्सीन ही नही आ पाएगी हद है साहब राज्य के चुनाव को जीतने के लिए इतनी गंभीर बात इतनी गंभीर पार्टी ने इतने हल्के में कैसे कह दी ये तो समझ से ही परे है इस वेक्सीन की बात से तो ये लगने लगा है कि सरकार अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकती है उसे जनता की नही सत्ता की ज़्यादा चिंता है।