दीपक ठाकुर
बिहार में एक बार फिर और अपने राजनैतिक जीवनकाल में 7वी बार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं वो सोमवार को अपने पद की शपथ ले भी लेंगे जिसे देखकर लगता है सब सामान्य है और पहले की ही तरह ये सरकार भी अपने 5 साल पूरा करेगी लेकिन ऐसा होगा इसकी कोई गारंटी नज़र नही आ रही है जिसका कारण खुद भाजपा की आंतरिक कलह है जो धीरे धीरे बाहर आने लगी है।
जैसा कि सबको मालूम है कि बिहार में जब जब भाजपा की मदद से नीतीश ने सरकार बनाई है तब तब भाजपा नेता सुशील मोदी बिहार के उप मुख्यमंत्री रहे हैं और 2020 के विधान सभा चुनाव में भाजपा ने दूसरे नम्बर की पार्टी होने के बावजूद जेडीयू के नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद देने का अपना वादा निभाया जबकि जेडीयू बिहार में तीसरे नम्बर पे खड़ी है इस बार उसकी सीट भी पिछली बार से काफी कम रही बावजूद इसके एनडीए के घटक दल के तौर पर नीतीश को फिर बिहार की कमान दी गई लेकिन भाजपा ने यहां अपने लिए एक मुसीबत खड़ी कर ली क्योंकि भाजपा ने सुशील मोदी से डिप्टी सीएम पद छीन लिया उनको बिधान मण्डल दल का नेता नही चुना ये बात सुशील मोदी को काफी चुभी जो उन्होंने अपने ट्वीट पर ज़ाहिर भी की।
सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि उन्होंने भाजपा को अपने जीवन के 40 साल दिए और बदले में भाजपा ने उन्हें बहुत कुछ दिया आगे भी जो ज़िम्मेदारी मिलेगी उसे ईमानदारी से निभाउंगा लेकिन आखरी लाइन में जो लिखा उसी से सन्देह हुआ कि क्या ये सरकार 5 साल चलेगी क्योंकि उन्होंने आखरी में लिखा कि भाजपा कार्यकर्ता पद उनसे कोई छीन नही सकता अब बिहार में आने वाले समय ने राजनैतिक समीकरण कितने दिलचस्प होने वाले हैं इसका अंदाज़ा भी आसानी से लगाया जा सकता है बस भाजपा यही दुआ करे के बिहार महाराष्ट्र में ना तब्दील होने पाए क्योंकि संकेत ये मिल रहे हैं कि इस बार नीतीश के साथ नारकिशोर प्रसाद उप मुख्यमंत्री होने वाले हैं।