पटना. महागठबंधन से नाता तोड़ बीजेपी की बदौलत छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार को शपथ ग्रहण के बाद पहला झटका लगा है। महागठबंधन को लेकर नीतीश कुमार की धोखेबाजी से खफा उनके पुराने संबधों में दरार आ गयी है।
जदयू की केरल इकाई ने गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जमकर विरोध किया। इसके साथ ही जेडीयू से सारे संबंध तोड़ लिए। जदयू की केरल इकाई के प्रमुख व राज्यसभा के सदस्य वीरेंद्र कुमार ने बताया कि वह फासीवादी शक्तियों के खिलाफ लड़ाई में उच्च सदन से इस्तीफा देने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा, “इसकी जो भी कीमत होगी, हम चुकाने के लिए तैयार हैं।”
वीरेंद्र कुमार ने कहा कि हमें जदयू का राजग के साथ गठबंधन स्वीकार नहीं है और नीतीश कुमार के साथ हमारे संबंध समाप्त हो चुके हैं। हम सभी ने सोचा था कि नीतीश फासीवादी प्रवृत्तियों के खिलाफ जंग करेंगे लेकिन वह अब इसका एक हिस्सा बन गए हैं।
वीरेंद्र कुमार ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव और बिहार में पार्टी के विधायक नीतीश कुमार के निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, मैं शरद यादव और जदयू विधायकों को फोन कर कहूंगा कि वे कहें कि हम इसे स्वीकार नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा कि वह 5 अगस्त को उप राष्ट्रपति के चुनाव के बाद केरल लौट आएंगे और भविष्य की योजना पर निर्णय लेने के लिए राज्य परिषद बैठक आयोजित करेंगे।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने पिछले दिनों बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद से महागठबंधन से दूरी बनाने की ठान ली थी। वह लगातार तेजस्वी को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग पर अड़े थे लेकिन आरजेडी सुप्रीमो को यह मंजूर नहीं था। इसके साथ ही 26 को नीतीश ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वह बीजेपी के साथ गठजोड़ कर छठी बार बिहार के सीएम बन गए हैं।
राहुल ने बोला हमला
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। राहुल ने कहा कि नीतीश ने महागठबंधन को धोखा दिया। अपने ‘व्यक्तिगत स्वार्थ’ के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया।