लखनऊ. निकाय चुनाव में बंपर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी अपने उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग में जुटी है। बुधवार को कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के नगर निगम के महापौर, पार्षद और नगर पालिका परिषद के अध्यक्षों के नाम पर मंथन हुआ। इसके पहले मंगलवार को काशी और गोरखपुर क्षेत्र के उम्मीदवारों के नाम पर गहन चर्चा हुई थी। बीजेपी गुरुवार से शुक्रवार तक पहले और दूसरे चरण के उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी।
बैठक में हुआ गहन मंथन
बीजेपी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय की अध्यक्षता में बुधवार को चुनाव समिति की बैठक हुई। बैठक में प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, संगठन महामंत्री सुनील बंसल मौजूद थे। बैठक में कानपुर और झांसी नगर निगम के महापौर और पार्षदों की उम्मीदवारी के लिए आए पैनल के सभी नामों पर गहन मंथन हुआ। लड़ाई में कौन मजबूत रहेगा और किसके उम्मीदवार बनने पर कौन सी चुनौतियां आएंगी, इन बिंदुओं पर सभी ने अपना-अपना पक्ष रखा। उम्मीदवारों के चयन में सबका जोर इस बात पर था कि जिताऊ को ही वरीयता मिलनी चाहिए। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में कानपुर और झांसी नगर निगम हैं जबकि गोरखपुर क्षेत्र में सिर्फ गोरखपुर और काशी क्षेत्र में बनारस और इलाहाबाद नगर निगम हैं। इन निगमों के महापौर उम्मीदवार को लेकर खूब कशमकश है। चूंकि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कई दिग्गज मंत्रियों का यह क्षेत्र है, इसलिए उम्मीदवार के व्यक्तित्व को लेकर भी भाजपा सतर्क है। गुरुवार को अवध, ब्रज और पश्चिम क्षेत्र के उम्मीदवारों पर चर्चा के लिए बैठक होगी।
इन नामों पर चल रहा है मंथन
सूत्रों की मानें तो लखनऊ से मेयर पद के लिए टिकट को लेकर पार्टी के कद्दावर नेताओं के बीच पर्दे के पीछे महाभारत छिड़ी हुई है। संगठन और पार्टी सूत्रों के मुताबिक, टिकट के लिए रेखा गुप्ता, अलका दास गुप्ता और संयुक्ता भाटिया के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। तीनों के लिए पार्टी के बड़े नेता जिस तरह से पैरवी में जुटे हैं। वहीं कानपुर में भाजपा से मेयर का टिकट पाने के लिए 34 महिलाओं ने दावेदारी की है। जिनमें कानपुर दक्षिण की जिलाध्यक्ष अनीता गुप्ता, तो महिला मोर्चा की राष्ट्रीयपदाधिकारी कमलावती सिंह, पूनम कपूर, पूनम गुप्ता, और रीता शास्त्री प्रमुख है। भाजपा के अंदर से जो खबर निकल कर बाहर आ रही है, उसके मुताबिक कैबिनेटमंत्री सत्यदेव पचौरी और सतीश महाना अनीता गुप्ता के पक्ष में खड़े हैं, वहीं मानवेंद्र सिंह और परिवहनमंत्री स्वतंत्र सिंह कमलावती को चुनाव के मैदान पर उतारना चाहते हैं। वहीं संघ ने एक नाम अपनी तरफ से पेश कर हाईकमान की मुश्किलें ओर बढ़ा दी हैं। सूत्रों की माने तो संघ ने शहर के नामी स्कूल संचालक की पत्नी को टिकट दिए जाने की पैरोकारी की है। वहीं सीएम के गृह जनपद गोरखपुर में पार्टी मेयर का टिकट धर्मेद्र सिंह को दे सकती है। यह सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है। धर्मेंद्र सिंह पहले महानगर अध्यक्ष भी रह चुके हैं और योगी आदित्यनाथ के करीबियों में शुमार हैं।
जीतने वालों को ही मिलेगा टिकट
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा है कि 95 फीसदी सक्रिय कार्यकर्ताओं को निकाय चुनाव में मौका मिलेगा। महेंद्र नाथ पांडेय ने दावे के साथ कहा कि सहयोगी दलों से टिकट को लेकर कोई विवाद नहीं है। नगर में भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह ही भाजपा के पक्ष में शानदार नतीजे आएंगे। बातचीत में पांडेय ने कहा कि अधिकांश सहयोगी दलों का जनाधार ग्रामीण क्षेत्रों में है। बावजूद इसके सहयोगी दल होने के नाते उनकी बात पर उचित फोरम विचार जारी है। अगर कहीं से उनकी जीत की संभावना है तो पार्टी उस पर जरूर विचार करेगी। रही बात किसी सहयोगी दलों के लोगों के बयानों की तो जिसकी पार्टी है वह कुछ भी कहने को आजाद है। टिकट देने के मानक और बाहरी लोगों को टिकट देने के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि टिकट उन जमीनी कार्यकर्ताओं को मिलेगा जिनकी जीत की संभावना हो। उम्मीदवारों की घोषणा चरणबद्ध तरीके से होगी। नगर पंचायत के अध्यक्ष और पार्षदों की घोषणा क्षेत्र स्तर से, नगर पालिका और निगमों के प्रत्याशियों की घोषणा प्रदेश स्तर से होगी।