उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में बीजेपी के मुश्किल कोई और नहीं बल्कि बागी बढ़ा रहे है. जिन भी नेताआें काे पार्टी से टिकट नहीं मिला है उन सभी ने अब निर्दलीय प्रत्यासी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने का मन बना लिया है. सबसे ज्यादा बगावती सुर सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा में देखने काे मिल रही है. राज्य में कई सीटों पर सपा से ज्यादा अपने बागियों ने ही चिंता बढ़ा दी है.
फतेहपुर में बीजेपी के सभासद प्रत्यासिओं ने पार्टी के सदर विधायक व पार्टी के बड़े नेताओं पर टिकट के बदले पैसा मांगने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा कि हम लोगों से टिकट देने के एवज में 50 हजार से डेढ़ लाख की मांग की जा रही थी. पैसा न देने की दशा पर हम लोगों को टिकट न देकर बाहरी लोगों को दिया जा रहा है. अब हम लाेगाें ने निर्दलीय प्रत्यासी के रूप में किस्मत अजमाने का फैसला किया है.
बीजेपी बागी प्रत्याशी राेहित शर्मा का कहना है कि हमसे 50 हजार रुपये की मांग की गई थी जिसे मैं दे नहीं सका. विराेधी पार्टी के प्रत्याशी काे 5 लाख रुपये में टिकट दिया गया है. वहीं पार्टी काे सपाेर्ट करने की बात पर उन्हाेंने कहा कि मैं अब पार्टी के समर्थन में नहीं रहूंगा. मुझे पार्टी आैर बीजेपी के अन्य नेताआें से काेई शिकायत नहीं है. मुझे सिर्फ विधायक जी से शिकायत है.
बागी बीजेपी प्रत्याशी रज्जू का कहना है कि कुछ बाहरी नेता हैं जाे जिले में अपना दबदबा बनाना चाहते हैं. मैं उन्हें आईना दिखाना चाहता हूं कि आपने एक सच्चे सिपाही का टिकट काटकर क्या साबित करना चाहते हैं. सैंकड़ाे कार्यकर्ता पार्टी से निराश आैर हताश हैं. जिन जिन वार्डाें से टिकट काटा गया है वहां से बीजेपी के सभासद नहीं बनेंगे.
वहीं एक आैर बागी बीजेपी प्रत्याशी माेहन लाल ने बताया कि हमसे पैसा मांगा गया था जब हमने कहा कि इस पार्टी में पैसा नहीं चलता है ताे हमारा टिकट काट दिया गया. अब हमें मालूम हाे गया है कि पैसा सब पार्टी में चलता है आैर बिना पैसे के टिकट नहीं मिलता. वहीं पार्टी काे जिताने की बात उन्हाेंने कहा कि अब हम बीजेपी काे जिताएंगे नहीं हराएंगे.