पटना. बिहार में बीजेपी के रथ को रोक सत्ता काबिज करने वाले महागठबंधन के हालत अब ठीक नहीं हैं. जेडीयू और आरजेडी दोनों ही पार्टी के नेता एक दूसरे की आलोचना कर रहे हैं. इस बीच खबर आ रही है कि महागठबंधन में विवाद तब शुरू हुआ जब लालू प्रसाद यादव ने दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाक़ात की. यह मीटिंग दो महीने पहले हुई बताई जा रही है.
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एक अंग्रेजी पोर्टल को उनके सूत्र ने बताया कि, ‘लालू यादव अपने जेल जाने से ज्यादा अपने बेटों पर लग रहे भ्रष्टाचार के इल्जाम से परेशान है. उनके दोनों बेटो का सियासी सफर पिछले विधानसभा चुनाव में ही शुरू हुआ है.’ लालू अपने परिवार के सदस्यों के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामलो को ख़त्म करने के लिए बीजेपी के साथ समझौता करने के लिए भी तैयार थे. लालू इतने परेशान थे कि वह अपने परिवार के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामलो को ख़त्म करने के लिए नrतीश कुमार के साथ संबंध तोड़ने को भी तैयार थे.
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हालांकि, बीजेपी ने लालू के प्रस्ताव में रुचि नहीं दिखाई. अगर ऐसा होता तो शायद नीतीश कुमार की सरकार को खतरा हो सकता था. यदि ऐसा नहीं भी होता तो नीतीश की सियासी ताकत तो ज़रूर कम हो जाती.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक करीबी नेता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में लालू प्रसाद यादव पर भ्रष्टाचार का केस दोबारा खोलने के बाद भी गठबंधन पर इसका असर नहीं पड़ने दिया. उन्होंने आरजेडी से साथ सम्बन्ध बनाये रखे मगर आरजेडी प्रमुख द्वारा बीजेपी के नेताओं से मिलने के बाद महागठबंधन में विवाद शुरू हो गया.
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नीतीश कुमार के करीबियों के अनुसार, मुख्यमंत्री महागठबंधन से बाहर निकलने के बारे में सोच रहे हैं और राष्ट्रपति चुनाव में राम नाथ कोविंद को समर्थन देना इसकी ओर पहला कदम है.
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एक बात तो साफ़ है कि बिहार की सत्ता में साथ होने के बावजूद लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार दोनों ही एक दूसरे पर भरोसा नहीं करते. ज्ञात हो कि 2014 लोकसभा चुनाव से पहले लालू और नीतीश दोनों भी एक दूसरे के कट्टर विरोधी थे. नीतीश बीजेपी के साथ सत्ता में थे तो वहीं लालू केंद्र में कांग्रेस के साथ थे.
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इस बीच लालू यादव ने उन खबरों को पूरी तरह से खारिज किया है जिनमें कहा जा रहा था कि उन्होंने बीजेपी से नीतीश सरकार को अस्थिर करने के लिए डील की है. उन्होंने कहा कि वे भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करेंगे मगर बीजेपी से समझौता नहीं करेंगे.
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बहरहाल, मौजूदा समय में लालू की इमेज भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से काफी खराब हो रही और नीतीश जिनकी छवि साफ़ है वो कब तक लालू के साथ रहते है ये देखना दिलचस्प होगा. आने वाले दिन बिहार की सियासत में काफी रोचक हो सकते है. महागठबंधन के भविष्य को लेकर संदेह हमेशा बरकरार रहेगा.