11 अप्रैल से देश में लोकसभा चुनाव की शुरुआत हो चुकी है। लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में 91 सीटों पर मतदान संपन्न हुआ। लोकसभा चुनाव की दृष्टि से बिहार राज्य की बेगूसराय एक अत्यंत महत्वपूर्ण लोकसभा सीट है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और कन्हैया कुमार के मैदान में होने से बेगूसराय चर्चा के केंद्र में बना हुआ है। ऐसे में आज मैं आपको बेगूसराय की राजनीतिक स्थिति के बारे में बताने जा रहा हूं।
बेगूसराय लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास-
बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट पर वर्ष 1952 से लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। आजादी के बाद कई वर्षों तक इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा लेकिन 1998 के लोकसभा चुनाव में आखिरी बार कांग्रेस पार्टी ने बेगूसराय संसदीय क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। बेगूसराय लोकसभा सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई का भी अच्छा खासा प्रभाव है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के भोला सिंह ने बेगूसराय लोकसभा सीट से विजय प्राप्त की थी जबकि राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी तनवीर हसन इस चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे थे।
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को बेगूसराय से चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से तनवीर हसन उम्मीदवार बनाए गए हैं। बेगूसराय लोकसभा सीट पर सीपीआई ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को प्रत्याशी बनाया है।
बेगूसराय लोकसभा सीट के राजनीतिक समीकरण-
बिहार राज्य की बेगूसराय लोकसभा सीट भूमिहार बहुल है। कन्हैया कुमार के चुनावी मैदान में आने से बेगूसराय में त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल रहा है। बेगूसराय लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला गिरिराज सिंह और कन्हैया कुमार के बीच है लेकिन राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी तनवीर हसन भी मुख्य लड़ाई से बाहर नहीं है। ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी कि कन्हैया कुमार गिरिराज सिंह को टक्कर दे पाते हैं या नहीं।
स्रोत- आज तक