नई दिल्ली। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना में नकद धनराशि के फायदे बताकर फर्जी फॉर्म भरवाने के मामले में केंद्र सरकार ने सीबीआइ जांच के आदेश दिये हैं। महिला एवं बाल कल्याण राज्य मंत्री कृष्णा राज ने बताया कि गलत वादों के आधार पर भरवाए गए फॉर्मो के सामने आने के बाद जांच का निर्णय लिया गया। ये फॉर्म आठ साल से 32 साल की आयु की बच्चियों और महिलाओं के नाम पर भरवाए गए थे, उन्हें दो लाख रुपये की आर्थिक मदद का झूठा वादा किया गया था।
फर्जी वादे वाला यह फॉर्म छापकर पहले बेचा गया और इसके बाद इसे भरवाने के लिए भी कई-कई सौ रुपये वसूले गए। यह फर्जीवाड़ा उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ और उसके बाद दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल तक पहुंच गया। केंद्र सरकार ने इन सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को पत्र लिखकर फर्जीवाड़े में संलग्न लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। साथ ही मीडिया में इस बाबत आगाह करने वाली जानकारी का प्रकाशन भी कराया जा रहा है जिससे लोग किसी तरह के झांसे में न आएं।
जब इस तरह के फॉर्म मंत्रालय में पहुंचने शुरू हुए तो उनकी जांच के लिए सीबीआइ को नियुक्त करने का फैसला किया गया। यह जानकारी गुरुवार को राज्यसभा में सरकार की तरफ से दी गई। राज्य मंत्री ने साफ किया कि सरकार की तरफ से ऐसी कोई योजना नहीं चलाई गई है और जो लोग इस तरह का वादा करके फॉर्म भरवा रहे हैं वे फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। इन लोगों के खिलाफ जिलास्तर पर एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिये गए हैं।