लखनऊ, NOI । एसटीएफ ने लखनऊ में एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो कॉल सेंटर के नाम पर निजी कंपनियों से लोगों के बैंक खातों की डिटेल खरीदते थे और लोगों को फंसाकर उनकी रकम हड़प लेते थे। एसटीएफ ने मंगलवार को कृष्णानगर और सरोजनीनगर में कार्रवाई कर इस फर्जी कॉल सेंटर के संचालक भाई-बहन समेत आठ लोगों को दबोच लिया।
यह गैंग रिफंड का लालच देकर विभिन्न बैंक के खाताधारकों की रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कर रहे थे। गैंग का निशाना दिल्ली, हरियाणा और गुड़गांव के लोग थे।
एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि मंगलवार दोपहर कृष्णानगर के गोपालनगर स्थित कन्हैयाकुंज कॉम्प्लेक्स और सरोजनीनगर के ट्रांसपोर्टनगर में फर्जी कॉल सेंटर चलने की सूचना मिली। एसटीएफ की टीम ने दबिश देकर कॉल सेंटर के संचालक तालकटोरा निवासी अजीत वर्मा और कृष्णानगर की चाणक्यपुरी में रहने वाली उसकी बहन सुमित वर्मा को पकड़ लिया।
दोनों मूल रूप से अंबेडकरनगर के इब्राहिमपुर केदारनगर नाउसहाड़ा के रहने वाले हैं। कॉल सेंटर से हमीरपुर के मौदहा पड़ौरी निवासी विमल प्रकाश उर्फ राज वर्मा, सआदतगंज की बिलवारी की ज्योति पांडेय उर्फ कीर्ति, उन्नाव के बांगरमऊ निवासी आलोक मिश्रा, अंबेडकरनगर के अलीगंज चकआसूपुर निवासी कैलाश यादव, चाणक्यपुरी के आशीष कुमार सिंह और मोहनलालगंज के कनकहा निवासी संतोष कुमार दुबे की पत्नी सुनीता को भी गिरफ्तार किया गया है। आशीष बिहार के पटना में कंकरबाग में रहता है।
400 सिमकार्ड, 65 मोबाइल फोन मिले
कार्रवाई के दौरान कॉल सेंटर से 65 मोबाइल फोन, तीन लैपटॉप, दो डेस्कटॉप, 400 सिमकार्ड, 30 एटीएम, 20 पासबुक, 46000 नकद, एक फर्जी वोटर आईडी, एक फर्जी डीएल, एक आर्टिगा गाड़ी बरामद हुई है। ठग भाई-बहन के पास विभिन्न बैंकों में 40 खातों का पता चला है। इसकी पड़ताल की जा रही है।
ऐसे करते थे ठगी
निजी कंपनियों से लेते थे खातों का ब्यौरा
एएसपी शहाब रशीद खान ने बताया कि ठग अजीत वर्मा दिल्ली की निजी कंपनियों से 25 हजार रुपये में विभिन्न बैंकों के खाताधारकों का ब्यौरा खरीदता था। इसमें खाताधारक का नाम, खाता संख्या, मोबाइल नंबर, डेबिट-क्रेडिट कार्ड का नंबर, जन्म तिथि व अन्य जानकारियां होती थीं। ब्यौरा मिलने के बाद फर्जी कॉल सेंटर की टेली कॉलर्स खाताधारकों को फोन करती थीं।
रिफंड का झांसा देकर फंसाते थे जाल में
टेली कॉलर्स खाताधारकों को फोन कर कहते थे कि उनके क्रेडिट कार्ड का 6000 रुपये रिफंड आया है। चूंकि आपका कार्ड काफी पुराना है, इसलिए यह रकम उस कार्ड पर ट्रांसफर नहीं हो पाएगी। इसके लिए चालू कार्ड का डिटेल देना होगा।
कार्ड के वेरीफिकेशन के बाद रकम ट्रांसफर कर दी जाएगी। रिफंड के लालच में फंसकर खाताधारक ठगों को अपने क्रेडिट कार्ड की डिटेल बता देते थे।
एम पैसा वॉलेट से अपने खाते में पैसे ट्रांसफर करते थे ठग
ठग बहाने से पासवर्ड पूछकर खाताधारकों का पैसा वोडाफोन के एम पैसा वॉलेट में ट्रांसफर कर देते थे। 10-15 दिन बाद वॉलेट से यह पैसा अपने अकाउंट में भेज देते थे या शॉपिंग में खर्च करते थे।कार्रवाई के दौरान कॉल सेंटर से 65 मोबाइल फोन, तीन लैपटॉप, दो डेस्कटॉप, 400 सिमकार्ड, 30 एटीएम, 20 पासबुक, 46000 नकद, एक फर्जी वोटर आईडी, एक फर्जी डीएल, एक आर्टिगा गाड़ी बरामद हुई है। ठग भाई-बहन के पास विभिन्न बैंकों में 40 खातों का पता चला है। इसकी पड़ताल की जा रही है।