सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आधार कार्ड को मोबाइल फ़ोन और बैंक अकाउंट से लिंक करने के मामले में अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया है.
जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की बेंच आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी.
कोर्ट ने याचिकाओं को पहले से ही मौजूद यचिकाओं के साथ टैग कर दिया और याचिकाकर्ताओं और अन्य पार्टियों से कहा कि वो इस मामले में कोर्ट की संवैधानिक बेंच के सामने अपनी दलीलें रखें.
केंद्र सरकार की तरफ से उपस्थित हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि डेटा प्रोटेक्शन बिल के संदर्भ में आधार ऐक्ट में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में एक कमिटी गठित की गई है जो इस पर काम कर रही है.
कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी कर सभी बैंकों और मोबाइल कंपनियों से कहा कि वो बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर से आधार कार्ड लिंक करने के लिए ग्राहकों को संदेश भेज-भेज कर परेशान न करें और इसके लिए जो भी आख़िरी तारीख है वो अपने ग्राहकों को बताएं.
कोर्ट ने कहा कि जब तक कोर्ट आधार कार्ड से संबंधित याचिकाएं सुन रही है और संवैधानिक बेंच इसके बारे में कोई फ़ैसला नहीं दे देती, तब तक बैंक और मोबाइल कंपनियां अपने ग्राहकों को ये कहकर ना डराएं कि आधार कार्ड ना लिंक करने पर बैंक अकाउंट या फ़ोन कनेक्शन बंद कर दिए जाएंगे.
जस्टिस एके सीकरी ने बैंकों से मिल रहे संदेशों के बारे में ये भी कहा, “मैं मीडिया के सामने ये कहना नहीं चाहता लेकिन मुझे भी ऐसे संदेश मिले हैं.”
केंद्र सरकार ने एक हलफनामा में कोर्ट को बताया कि प्रिवेन्शन ऑफ़ मनी लाँड्रिंग एक्ट के तहत बैंक अकाउंट्स को इस साल 31 दिसंबर तक आधार कार्ड से जोड़ना ज़रूरी बताया जा रहा है, लकिन इस तारीख को अगले साल की 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया है.
इस तारीख तक बैंक अकाउंट से आधार कार्ड ना लिंक करने की सूरत में बैंक अकाउंट बंद नहीं किए जाएंगे.
सरकार ने कोर्ट को बताया कि नए अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड पहचान के तौर पर आधार कार्ड देना अनिवार्य होगा और इसकी तारीख भी 31 मार्च कर दी गई है.
मोबाइल नंबर से आधार कार्ड को जोड़ने के बारे में केंद्र सरकार ने अपने हलफ़नामे में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार लोकनीति फाउंडेशन वर्सेस यूनियन ऑफ़ इंडिया के मामले में कहा गया है कि मोबाइल फ़ोन उपभोक्ता को छह फरवरी 2018 तक ई-केवाईसी के ज़रिए अपना वेरिफ़िकेशन करवाना होगा.
सुप्रीम कोर्ट आधार कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है. अलग अलग लोगों ने अलग अलग मुद्दों पर याचिका दायर कर आधार की संवैधानिकता को चुनौती दी है.
कुछ याचिकाओं में आधार की अनिवार्यता को चुनौती दी गई है. इसी मामले में कोर्ट ने पहले कहा था कि निजता के अधिकार का मामला जो है, उसे पहले सुलझाएं.
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