बाराबंकी। कैश की किल्लत अब मानवीय संवेदनाओं पर भी भारी पड़ने लगी है। मंगलवार को बड्डूपुर इलाके के बड़ागांव निवासी एक व्यक्ति की मां के निधन पर उसे अंतिम संस्कार के लिए बैंक से पैसा नहीं मिला। बैंक कर्मचारियों ने उससे दूसरे दिन आने की बात कही। इसके बाद दूसरे से उधार रुपये लेकर उसने मां का अंतिम संस्कार किया। बड्डूपुर इलाके के ग्राम बड़ागांव के निवासी छोटेलाल की मां सुखदेई का सोमवार शाम को देहांत हो गया।
मंगलवार को छोटेलाल मां के अंतिम संस्कार के लिए आर्यावर्त ग्रामीण बैंक से पैसे निकालने गया। यहां पर कर्मचारियों ने उसे बताया कि वह विड्राल फॉर्म भर कर जमा कर दे उसे पैसे कल दिए जाएंगे। इस पर छोटेलाल ने बैंक कर्मचारियों से मां के अंतिम संस्कार के लिए पैसे देने की बात कही।
कर्मचारियों की मनमानी से आम आदमी परेशान
इसके बाद भी कर्मचारियों का दिल नहीं पसीजा और उसे बिना पैसे दिए वापस कर दिया गया। इसके बाद छोटेलाल ने गांव में एक साथी से कुछ रुपये उधार लेकर व घर में रखा गेहूं बेचकर मां का अंतिम संस्कार किया।
ग्राम प्रधान सरोज वर्मा ने बताया कि ग्रामीण बैंक में पिछले एक सप्ताह से ग्राहकों को लौटाया जा रहा है। आर्यावर्त ग्रामीण बैंक में कर्मचारियों की मनमानी के चलते आम आदमी परेशान है। प्रधान ने बताया कि छोटेलाल की आर्थिक हालत ज्यादा अच्छी नहीं है।
वहीं आर्यावर्त ग्रामीण बैंक के सीनियर मैनेजर मनोज गुप्ता का कहना है कि जितनी नकदी मिल रही है उसे ग्रामीणों को लगातार बांटा जा रहा है। कैश खत्म होने तक जो लाइन में लगता है उसे पैसा जरूर दिया जाता है। छोटेलाल ने मुझे मां के अंतिम संस्कार के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी।
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