सीतापुर-अनूप पाण्डेय, मनीष मिश्रा/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर : इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक का आर्यावर्त बैंक में विलय ने खाता धारकों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की लाभार्थियों की किस्त रुक गई। मनरेगा मजदूरों की मजदूरी भी खातों में फंस गई। लो कनेक्टिविटी जमा निकासी से खाताधारक तंग आ चुके हैं। क्षेत्र के किसानों को धान लगवाना, जुताई करवाना, सिंचाई हेतु डीजल लाना, आदि कई प्रकार से किसानों को नगदी की आवश्यकता पड़ती है । लेकिन बैंक मे लेन-देन दिन प्रभावित है। ऐसे में किसानों के कार्य अटके पड़े हैं । बैंकों में जमा निकासी की बाधा बनी हुई है। खाताधारकों के खाता नंबर बदलने से अन्य लेन देन भी प्रभावित हो रहा है। बीते 1 अप्रैल को इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक का आर्यावर्त बैंक में विलय कर दिया गया था। अधूरी तैयारियों के बीच हुए जमा लेन देन तो प्रभावित हुआ ही कल्याणकारी योजनाओं भी अधर में लटक गईं। खाताधारकों को बैंक के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक शाखा रामपुर मथुरा के खाताधारकों का कहना है कि आर्यावर्त बैंक में विलय होने के बाद से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले एफबीसी के माध्यम से भी लेन-देन हो जाया करता था। लेकिन अब एफबीसी के पास जाने पर बताता है कि खाता केवाईसी नहीं है , सरवर नहीं है, आधार कार्ड नहीं लिंक है आदि कई प्रकार से व्याख्यान करता है। और वहां से भी वापस होना पड़ता है । कामकाज ठप होने से काफी भीड़ भी लग जाती है । पुराने एटीएम कार्ड बंद हो चुके हैं। नए एटीएम कार्ड अभी जारी नहीं हुए हैं। चक्कर तमाम, दिक्कतें दूर नहीं हो रही है खाता संख्या के साथ साथ बैंक का आइएफएससी कोड मे भी फेरबदल हुआ है