लखनऊ । प्रदेश में अंतिम चरण का मतदान होना बाकी है, ऐसे में कल मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस जारी कर बीजेपी और सपा कांग्रेस को दूसरे और तीसरे नंबर की पार्टी बताई थी. लेकिन मायावती का अकेले चुनाव लड़ना सबके लिए दोह्मच का स्थिति बन गया है. लोगों के साथ-साथ राजनीतिक पंडितो में भी यही चर्चाए जोरों पर है कि अगर प्रदेश में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नही मिलती है तो क्या मायावती उस समय गठबंधन कर सरकार बनाएंगी?.
देखा जाय तो अभी तक के चुनाव प्रचार में अखिलेश यादव यही कहते आ रहे है कि मायावती कभी भी बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकती है। तो वही मायावती ने भी किसी पार्टी से गठबंधन को लेकर इंकार कर दिया है। लेकिन कांग्रेस का रुख अभी तक साफ़ नही हो पाया है. फिलहाल कांग्रेस और सपा का गठबंधन है, देखा जाय तो अभी तक
सबसे चौंकाने वाली रही राहुल की बसपा और मायावती को लेकर रणनीति. पूरे चुनाव में राहुल ने पीएम मोदी और बीजेपी को ही निशाने पर रखा. राहुल लगातार मोदी सरकार को जुमलों की सरकार बताते रहे और उन पर 2014 में किये वादे पूरे ना करने का इल्जाम लगाते रहे. लेकिन राहुल ने मायावती और बसपा पर काफी हद तक चुप्पी साधे रखी. इसे लेकर लोगों में भी चर्चाए जोरों पर है, कही मायावती परिणाम के बाद कांग्रेस सपा गठबंधन के साथ तो जानेवाली नही है।