दीपक ठाकुर-NOI।
जो दस साल में कभी ना हुआ वो विराट की टीम ने कर दिखाया आखिरकार दस साल का बेहतर रिकार्ड विराट कोहली की भारतीय टीम ने बर्बाद कर ही दिया जिसका प्रमुख कारण रहा के टीम में उनको जगह मिली जिनमे विराट को रुचि थी उनको नही जिनमे कुछ कर गुजरने की चाह थी।भारतीय क्रिक्रेट में अमूमन यही देखा गया है कि अगर आपकी पकड़ कप्तान पे हो तो टीम में आपका बने रहना स्वाभाविक है कुछ ऐसा ही विराट की टीम में भी दिखाई दिया जिसका परिणाम ये हुआ कि हमने अपने देश मे आस्ट्रेलिया से टी20 के साथ साथ वनडे सीरीज भी गंवा दी।
जब आस्ट्रलिया भारत दौरे पर आई तो लगा यहां अपने देश मे तो क्लीन स्वीप भारत ही करेगा लेकिन टेस्ट मैच को छोड़कर टी 20 और एक दिवसीय मैचों में भारत ने ऐसा प्रदर्शन किया मानो वो अपनी सरज़मी को ही भूल गए उल्टा ये लगा कि वो किसी विदेशी पिच पर खेल रहे हों।शुरआती 2 एक दिवसीय मैचों को छोड़ दिया जाए तो आखरी के तीनों मैच आस्ट्रेलिया ने ऐसे जीते मानो उनकी जीत पहले से पक्की हो रही हो भारतीय गेंदबाज़ ना गेंदबाज़ी में कोई कमाल कर पाए और ना ही बल्लेबाजों ने ऐसी बल्लेबाज़ी की जिससे देशवासी खुश हो जाएं ये अलग बात है कि एक मैच में शिखर धवन ने शतक लगाया लेकिन अगले ही मैच में गुल्ली ऐसे उड़वा ली जैसे क्रिकेट सीखने आये हों।वही विराट के दुलारे रायडू को क्या कहा जाए साहब उनको 11 में शामिल करते नही थक रहे थे और वो हैं जो अपने बल्ले की चमक ही ना पा रहे थे उनको मौके पे मौका और देश की जनता को धोखे पे धोखा देने का काम बदस्तूर जारी रहा।
पूर्व कप्तान धोनी को बेवजह आराम दे दिया गया और पंत को ज़िम्मेदारी जिन्हें फिलहाल ज़िम्मेदारी का जी तक नही आता ऐसा उनके खेल को देख कर लगा।यही हाल कप्तानी में विराट कोहली का रहा ना फील्डिंग सेट करने में उनकी कोई खास दिलचस्पी दिखी और ना ही ज़िम्मेदारी से बल्लेबाज़ी करते नज़र आये वाह साहब क्या काबिल हैं आप और आपकी टीम अब क्या आप इसी टीम से वर्ल्डकप जीतने की उम्मीद रखते हैं अगर हां तो भूल जाइए क्योंकि आपकी हालिया टीम बद से बदत्तर खेल रही है जो भारतीय सरज़मी पे जीत ना दिला पाए वो बाहर क्या खाक जीत हासिल कर पायेगी इसलिए आप से गुजारिश है नाम और व्यक्तिगत पहचान को ताक पर रखिये और उनको चुनिए जो भारत के लिए खेलें और भारत को जीत दिलाकर गौरवान्वित करें।
अभी आईपीएल आने वाला है उसमे तो सभी जी जान से लगे हुए दिखाई देते हैं पर बात जब देश की आती है तो हार का बहाना ढूढते नज़र आते हैं।जब हम जानते हैं कि कौन कौन सा खिलाड़ी योग्य है तो आपको वो क्यों नही दिखाई देते आपको और आपके कोच को क्यों लंगड़े घोड़े ही अच्छे लगते हैं ये बताइये।क्या व्यक्तिगत स्कोरकार्ड अच्छा करने से देश का नाम ऊंचा होगा अगर ऐसा है तो करिये मन की अगर नही तो वही करिये जो देश चाहता है और देश यही चाहता है कि जिसमे क्रिकेट की भूख हो उसको टीम में जगह दीजिये जिसमे नही हो उसको साथ ज़रूर घुमाइए पर अंतिम 11 से दूर रखिये।