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Thursday, January 16, 2025

भक्तों और चमचो में मची होड़,सोशल मीडिया बना..

दीपक ठाकुर:NOI।

2014 के बाद राजनीतिक उथल पुथल जो हुई उसने देश को दो भागों में बांट दिया है एक वो वर्ग है जो भाजपा का समर्थक है और दूसरा वो जो कांग्रेसी राज में खुद को सुरक्षित समझता था जो भाजपा समर्थक हैं उनको सोशल मीडिया में जिस नाम से बुलाया जाता है वो नाम है भक्त यानी मोदी भक्त वही दूसरी तरफ कांग्रेस की चाहत रखने वाला चमचा नाम से सम्बोधित होने लगा है ये सारे संबोधन आपको फेसबुक वाट्सएप और तमाम सोशल साइट पर आसानी से दिखाई भी दे जाते होंगे इनकी प्रसिद्धि भी इतनी अधिक हो गई है कि अब तो आमने सामने बात होने पर भी लोग इन्ही शब्दों का इस्तेमाल करने से भी नही कतराते जो मोदी राज की तारीफ करे वो भक्त जो ना करे वो कांग्रेसी चमचा।

ऐसा नही है कि सोशल मीडिया पर जो कहा जाए वो पूरी तरह सत्य ही हो पर ऐसा भी नही की वो पूर्णतया गलत भी हो।क्योंकि देखा यही गया है कि वर्तमान में जिस तरह के आरोप भाजपा सरकार पर लगे हैं उससे भी वो लोग ये कह कर आनंदित दिखाई पड़ते हैं जिन्हें मोदी जी का राज पसंद है जिन्हें लगता है कि यहां जनता को धोखा नही दिया जा सकता अब इसको भक्ति नही तो क्या कहियेगा आप ही बताइए।

वही दूसरी तरफ के लोगो का ये मानना है कि मौजूदा सरकार जनता को परेशान करने का काम कर रही है जबकि पिछली सरकार जनता को सहूलियत दिया करती थी वो उतना ही कहती थी जो कर पाती थी बाकी बोल वचन उसके पास नही थे तो वो लोग ये बातये के अगर पिछली सरकार इतनी अच्छी ही थी तो उसका पतन क्यों हुआ,क्यों जनता ने उसे नकार कर मोदी जी को देश की बागडोर सौंपी तो उन लोगो को कांग्रेसी चमचा ना कहा जाए तो और क्या कहा जाए क्योंकि उस दौर में हुए बड़े बड़े घोटालो के बावजूद भी वो उनकी ही तारीफ करते रहते हैं।

सोशल मीडिया पर आलम तो ये है कि भक्तो और चमचो की ऐसी टक्कर उसमे होती है मानो अगर सत्ता परिवर्तन हुआ तो सिहासन उनको ही मिलेगा और अगर दोबारा आये तो वही फिर से राज करेंगे।अरे आप सब जनता हो जनता जनार्दन होती है वो सरकार बनाती है और बिगाड़ती भी वही है तो ऐसे में भक्त और चमचे की श्रेणी से बाहर निकलने का प्रयास किया जाना चाहिए ना के किसी पर आंख बंद कर भरोसा और एक बात ये राजनीति है यहाँ अपना उल्लू सीधा होता है देश मे जनता का क्या हाल है इसकी जवाबदेही किसी की नही होती अगर होती तो बताइए चुनावी समर के अलावा कभी कोई नेता या मंत्री आता है आपके पास आपका पुरसाहाल लेने नही आता होगा आएगा भी क्यों उनकी जरूरत खत्म तो आप कौन में ख़ामख़ा, इसलिए गुज़ारिश है कि सोशल मीडिया को अखाड़ा ना बनाएं अपनी अकल लगाएं।

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