महाराष्ट्र के उस्मानाबाद ज़िले में एक मासूम बच्चे की बलि दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां एक भटकती आत्मा को शांत करने के लिए एक तांत्रिक ने दो लोगों के साथ मिलकर 6 साल के मासूम बच्चे को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
मामला उस्मानाबाद ज़िले की कलंब तहसील का है. जहां पिंपलगांव डोला में 26 जनवरी को 6 वर्षीयबच्चा कृष्णा रोज की तरह स्कूल से लौटकर घर आया था. इसके बाद वह अपने दादाजी के साथ अपनी मां को खेत में ढूंढने के लिए गया था. मगर लौटकर घर नहीं आया.
कृष्णा के गायब हो जाने पर उसकी तलाश शुरू की गई. परिवार और गांव के लोगों ने रातभर उसे तलाश किया लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. दूसरे दिन एक गेहूं के खेत में उसकी लाश मिली. उसके सिर और चेहरे पर जख्मों के निशान देखकर साफ पता चल रहा था कि उसे बेरहमी के साथ कत्ल किया गया था.
कृष्णा की मां ने पुलिस थाने पर हत्या का मामला दर्ज कराया था. तभी से पुलिस हत्यारे की तलाश कर रही थी. लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं आ रहा था. जिस दिन कृष्णा की हत्या वो अमावस्या की रात थी. पुलिस ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया. दो महीनों तक चली तफ्तीश के बाद पुलिस ने हत्या का कारण ढूंढ निकाला.
पुलिस के मुताबिक कृष्णा के घर के पास ही रहने वाली उसकी बुआ और एक रिश्तेदार ने पुणे के लखन नामक भोंदू बाबा के बातों में आकर उसकी बलि चढाई थी. बच्चे की बुआ द्रौपदीबाई उर्फ़ लक्ष्मी पौल और साहेबराव इंगोले ने नरबलि देने की बात कबूल कर ली है. आरोपी महिला के घर में तनाव और कुछ समस्या थी. इसलिए उसने तांत्रिक लखन बाबा से संपर्क किया था.
तांत्रिक लखन ने उन्हें बताया था कि उनके घर में एक आत्मा भटक रही है. उसे शांत करने के लिए एक समाधी बनानी होगी. और उस पर एक मासूम बच्चे मारकर उसका खून छिड़कना होगा. इन लोगों ने तांत्रिक की बातों में आकर 6 वर्षीय मासूम की बलि दे दी. आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आरोपी तांत्रिक ने इससे पहले भी नर बलि तो नहीं चढाई.