दीपक ठाकुर:NOI।
रक्षाबंधन का त्योहार वो त्योहार होता है जो भाई बहन के आपसी प्रेम की हमेशा याद दिलाता है।अगस्त माह में पड़ने वाले इस त्योहार के लिए भाई बहन काफी इंतज़ार करते हैं ये पर्व होता है भाई द्वारा बहन की हमेशा रक्षा करने के वचन देने का जिसे बहन भाई के हाथों पर धागा बांध कर लेती है।
ये त्योहार कोई मामूली त्योहार नही होता पुराणों में भी इस त्योहार का खासा महत्व बताया गया है और ये भी बताया गया है कि जिस भाई की कलाई पे ये रक्षा कवच होता है वो कभी परास्त नही हो सकता और बहन भी खुद को गौरवान्वित महसूस करती है कि उसका भाई उसके लिए हर वक़्त मौजूद है।
समय के साथ त्योहार का स्वरूप भी बदल गया अब धागे की जगह चकाचोंध करने वाली राखियों ने ले ली बाज़ार इन्ही राखियों से सजे दिखाई देते हैं तो वही मिठाई की दुकानों पर भी किस्म किस्म की मिठाई बहनो का इंतज़ार करती नज़र आती हैं।जिनकी बहने बाहर ससुराल में होती हैं उन भाइयों को बहन की भेजी गई राखी का इंतज़ार होता है और जो आसपास होती हैं वो भाई के घर जा कर ये पर्व मनाती है।
छोटे बच्चों में इस त्योहार का खास उत्साह देखने को मिलता है नन्हें हाथों से भाइयों को तिलक लगा कर वो उन्हें राखी बांधती हैं फिर मिठाई खिलाती हैं और बेसब्री से उस वक़्त का इंतज़ार करती हैं जब भाई उन्हें कोई गिफ्ट देगा। ये नज़ारा भी बड़ा रोमांचित करने वाला होता है इस त्योहार में क्या बड़े क्या बच्चे सभी शामिल हो कर अपनी बहन और अपना खोया हुआ बचपन तलाशते हुए प्रसन्न मुद्रा में नज़र आते हैं।ये त्योहार किसी एक जाति धर्म का नही बल्कि सभी धर्म के लोग इसे दिल से मनाते नज़र आते हैं।