नई दिल्ली – जदयू के सख्त होते तेवरों के बीच रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाषण पर सबकी नजरें रहेंगी। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की ओर से बातचीत के जरिए सभी मुद्दों को सुलझाने का आश्वासन और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली से नीतीश की मुलाकात के बाद यह तो तय है कि पीएम उम्मीदवार घोषित करने के लिए कोई समय सीमा नहीं दी जाएगी। नजर इस पर होगी कि नीतीश अकेले दम चुनावी तैयारी का संकेत देते हैं या नहीं। माना जा रहा है कि पर्याप्त समय पहले प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित करने के लिए कहा जा सकता है।
शनिवार दिन संगठन पर चर्चा में पार्टी के सामने सबसे बड़ा सवाल यही था कि गठबंधन बरकरार रहेगा या नहीं। रविवार को राजनीतिक प्रस्ताव पर चर्चा होगी तो प्रधानमंत्री उम्मीदवार के बाबत भी सवाल उठेंगे। पार्टी की ओर से जल्द ही धर्मनिरपेक्ष उम्मीदवार घोषित करने को कहा जा सकता है। बताते हैं कि धीरे-धीरे अलग रास्ता तैयार करने का मन बनने लगा है। कुछ स्तर पर तैयारी भी होने लगी है। फिर भी देश भर से जुटे पार्टी कार्यकर्ताओं की नीतीश पर नजर होगी। माना जा रहा है कि इस बाबत कोई भी फैसला लेने के लिए नीतीश को अधिकृत किया जा सकता है। राजनीतिक प्रस्ताव के साथ साथ आर्थिक और विदेश मामलों पर भी प्रस्ताव लाया जाएगा। कश्मीर पर अलग से चर्चा हो सकती है जिसमें भाजपा के साथ विचारों के मतभेद का उल्लेख होगा।
इस बीच शरद यादव को लगातार तीसरी बार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शनिवार दोपहर इसकी घोषणा कर दी गई। हालांकि, यह महज औपचारिकता भर ही थी क्योंकि शरद के हाथ फिर से कमान देने का निर्णय पहले ही हो चुका था। गौरतलब है कि पार्टी में दो बार ही अध्यक्ष बनने का प्रावधान था, लेकिन कुछ दिन पहले संविधान में संशोधन कर इसकी सीमा एक कार्यकाल के लिए बढ़ा दी गई थी।