लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समाज को बांटने और नफरत फैलाने की राजनीति कर रही है तथा वह विकास को साम्प्रदायिकता के चश्मे से देखना चाहती है।
यादव यहां पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि उन्होंने देश के गरीबों, किसानों, पिछड़ों और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए क्या किया है। नोटबंदी से बेकारी बढ़ी, उद्योगधंधे ठप्प हुए और किसान बदहाल हुआ। अल्पसंख्यक दहशत में हैं। प्रत्येक वर्ष दो करोड़ रोजगार देने का क्या हुआ। भाजपाई कुछ भी झूठ बोल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा दिवाली और ईद पर बिजली आपूर्ति के नाम पर लोगों को बांटना चाहती है। सामाजिक सछ्वाव में श्मशान और कब्रिस्तान के बहाने नफरत ढूंढती है। भाजपा का यही बुनियादी एजेण्डा भी है। हिन्दू -मुसलमानों दोनो का राष्ट्र निर्माण में योगदान है। भाजपा क्या इसमें भी हिन्दू मुसलमान के बीच बंटवारा करेगी। उन्होंने कहा कि देश में जी डी पी छह प्रतिशत आंकी गई है। तब तो मुसलमानों को इससे बाहर करने पर देश की विकास दर तीन प्रतिशत ही रह जाएगी।
यादव ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के काम काज पर कहा कि अब तक जनहित की कोई नई योजना की शुरूआत तक नहीं की है। जो योजनाएं समाजवादी सरकार ने चलाई थी उनका ही नाम बदलकर अपनी विकास योजना बताना कहां की नैतिकता है। भाजपा सरकार छात्रों का दमन कर रही है। महिलाओं के प्रति अपराध बढ़े हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति चौपट है और लोग बिजली संकट से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।
यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के काम किया था। गरीबों, किसानों, पिछड़ों व्यापारियों, महिलाओं, नौजवानों तथा अल्पसंख्यकों के कल्याण की तमाम योजनाएं लागू की थी। भाजपा सरकार कुछ तो करे ताकि विकास हो और जनहित के काम आगे बढ़ सके। अभी तो उन्होंने समाजवादी सरकार के कार्यों की जांच के बहाने तीन महीने बर्बाद कर दिए हैं। प्रदेश का विकास अवरूद्ध है। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार ने जो कदम उठाए थे वही विकास का रास्ता है।