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Sunday, December 8, 2024

भारत और मिस्त्र ने आतंकवाद के लिए रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग में आगे बढ़ने का फैसला…

भारत और मिस्त्र ने आतंकवाद और कट्टरपंथ के मुकाबले के लिए रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग में आगे बढ़ने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी के बीच बातचीत में माना गया है कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं। दोनों नेताओं ने इसे सबसे गंभीर खतरों में से एक बताते हुए इससे निपटने के लिए बड़े पैमाने पर एक दूसरे की मदद करने पर सहमति जताई।
वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘बढ़ती हिंसा, कट्टरपंथ और आतंकवाद असली खतरा है।’ पूर्वोत्तर एशिया और पश्चिम एशिया को आपस में जोड़ने वाले महत्वपूर्ण देश मिस्त्र के साथ भारत ने व्यापारिक एवं वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत बनाने का फैसला भी लिया है।

दोनों देशों ने इस मौके पर माना कि उनके पास ऐसे आर्थिक मौकों को भुनाने के कई मौके हैं, जिन पर अभी काम नहीं किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रक्षा व्यापार को बढ़ावा देने के अलावा भी कई क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए बाकायदा एजेंडा तैयार किया गया है, जिन पर तुरंत कार्यवाही की जाएगी।

​वहीं बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे सीसी ने कहा कि उनकी सरकार द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश सहयोग को बढ़ाने का रोडमैप तैयार करने के साथ साथ भारत के साथ मजबूत सुरक्षा सहयोग विकसित करने की दिशा में काम करेगी। वार्ता के बाद संयुक्त बयान भी जारी किया गया। इसमें कहा गया है, ‘दोनों नेता आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा करते हैं।

उन्होंने आतंकवाद को अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक बताया। दोनों देशों अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद सम्मेलन (सीसीआईटी) के संबंध में संयुक्त राष्ट्र में मिलकर काम करने का संकल्प दोहराया है।

वहीं प्रधानमंत्री ने भी बयान जारी कर कहा कि भारत के 1.25 अरब लोग खुश हैं कि मिस्र के राष्ट्रपति यहां आएं हैं और दोनों पक्षों ने सहयोग के कई स्तम्भों के निर्माण पर सहमति जताई।

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