मुम्बई। इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक का मकसद आतंकवाद की नीति अपनाकर और भारत को एक मुस्लिम देश में तब्दील करके लोगों के बीच घृणा फैलाना और भारत को अस्थिर करना है। यह बातें शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखी हैं।
शिवसेना ने लिखा कि नाईक की यह दलील कि यदि उसे और उसके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो यह देश के 20 करोड़ मुस्लिमों के साथ अन्याय होगा, पुलिस को उसके खिलाफ कोई कार्रवाई करने से ‘भयभीत’ करने की एक चाल है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में दावा किया कि यदि ढाका हमले के बाद जाकिर नाईक बेनकाब नहीं हुआ होता तो वह अपनी ‘शांति’ के काम का निर्बाध गति से जारी रखता। उसके जैसे लोगों का मुख्य उद्देश्य लोगों के मन में घृणा फैलाना और इस देश को अस्थिर करना है।’
पार्टी ने सामना मे लिखा, ‘उसकी नीति हिंदुत्व को हराने और यहां इस्लाम का शासन स्थापित करने की है। वे अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आतंकवाद से लेकर धर्म परिवर्तन तक हर हथकंडे अपनाते हैं।’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर तंज कसते हुए पार्टी ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने (फडणवीस) बीएमसी अधिकारियों के खिलाफ कमेडियन कपिल शर्मा के घूसखोरी के आरोप पर त्वरित प्रतिक्रिया दी, कल को वह नाईक के बयान पर भी जवाब दे सकते हैं क्योंकि दुनियाभर के कई इस्लामिक देश उसके (नाईक) जैसे लोगों का ख्याल रखते हैं।