सीमा पार से आतंकवाद पर भारत को अमेरिका का भी साथ मिला है. भारत में अमेरिका के नए राजदूत ने भी इसको लेकर पाकिस्तान पर प्रहार किया है.
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधरने के संकेत मिल रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने माना है कि दिसंबर के आखिरी हफ्ते में थाईलैंड में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर खान जांजुआ की मुलाकात हुई. हालांकि भारत ने साफ किया कि बातचीत सिर्फ आतंकवाद के मुद्दे पर हुई.
क्या फिर शुरू होगी दोनों देशों के बीच बातचीत?
26 दिसंबर 2017 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर खान जांजुआ ने के बीच बैठक हुई. तीन हफ्ते बाद अब विदेश मंत्रालय ने मुलाकात की खबर पर मुहर लगा दी है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘’जो हमारा मुद्दा है वो आतंकवाद का है. बातचीत में इस बात पर चर्चा हुई कि कैसे आतंकवाद से इस क्षेत्र को आजाद कराया जाए. ये कैसे सुनिश्चित हो कि इस क्षेत्र में आतंकवाद का असर न डाल पाए. बातचीत में हमने सीमा पार से आतंकवाद का भी मुद्दा उठाया.’’
आगे भी होती रहेगी इस तरह की बातचीत!
भारत और पाकिस्तान के NSA के बीच हुई इस बैठक से ये भी साफ हुआ कि ये कोई अंतिम मुलाकात नहीं थी, इस तरह की बातचीत आगे भी होती रहेगी. भारत ने ये साफ कर दिया कि आतंकवाद को लेकर उसके एजेंडे में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
रवीश कुमार ने कहा, ‘’हम कह चुके हैं कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकती. लेकिन आतंकवाद पर बातचीत निश्चित तौर पर होती रहेगी.’’
NSA की बैठक में नहीं उठा जाधव का मुद्दा
यहां गौर करने वाली बात ये है कि डोभाल और जांजुआ के बीच मुलाकात से ठीक एक दिन पहले यानी 25 दिसंबर को पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव से उनकी मां और पत्नी ने मुलाकात की थी. इस मुलाकात में जाधव की पत्नी और मां का अपमान हुआ जिसका मुद्दा भारत ने पुरजोर तरीके से उठाया था. हालांकि विदेश मंत्रालय ने इस बात से इनकार किया कि NSA की बैठक में जाधव का मुद्दा उठा था.
रवीश कुमार ने कहा, ‘’ऐसी बैठकों में से कुछ की तारीख पहले से तय होती है. मेरा मानना है कि तारीख पहले से निर्धारित थी. इस बैठक का उन बातों से कोई संबंध नहीं है जो उसी दौरान हो रहे थे और एक बार फिर मैं साफ करना चाहूंगा कि बातचीत का मुद्दा आतंकवाद और सीमा पार से आतंकवाद था.’’
सीमा पार से आतंकवाद पर भारत को अमेरिका का भी साथ मिला है. भारत में अमेरिका के नए राजदूत ने भी इसको लेकर पाकिस्तान पर प्रहार किया है.
इससे पहले भी हो चुकी हैNSA लेवल की बातचीत
6 दिसंबर, 2015 को बैंकॉक में दोनों देशों के एनएसए और विदेश सचिव मिले थे. इसके बाद जनवरी 2016 में भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत तय हुई. लेकिन 31 दिसंबर 2015 को पठानकोट हमले के बाद से ना तो NSA स्तर की बात हुई और ना ही दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता.
लेकिन अब एक बार फिर NSA लेवल की बातचीत से दोनों देशों के बीच बातचीत के रास्ते खुलते दिख रहे हैं. लेकिन यहां पाकिस्तान को ये याद रखना होगा कि आतंकवाद के साथ नहीं बल्कि आतंकवाद पर बातचीत होगी.