दिल्ली,वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय के मार्गदर्शन में भारतीयलघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा स्टैंड अप इंडिया के अग्रणी राष्ट्रीय मिशन को बढ़ावा देने के लिए स्थापित स्टैंड अप मित्र पोर्टल (www.standupmitra.in) ने 18 जनवरी, 2021 तक 1.05 लाख से अधिक ऋण आवेदकों को 23,500 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण मंजूर कर उन्हें सफलतापूर्वक सशक्त बनाया है।
सिडबी के उप प्रबंध निदेशक श्री वी. सत्य वेंकट राव ने कहा, “सिडबी काजोर हमेशा ही एमएसएमई पारितंत्रको मजबूत करने के लिए रहा है। सिडबीद्वारा समय-समय पर डिजिटल पोर्टल्स के माध्यम से ऋण और गैर-वित्तीय सेवाओं तक उद्यमियों की आसान पहुँच सुनिश्चित की जा रही है। एमएसएमई को ऋण तक आसान पहुँच के साथ-साथ उन्हें पथदर्शी के रूप में सहायता प्रदान करने के लिए स्टैंड अप मित्र पोर्टल,हमारे द्वारा शुरू किए गए आरंभिक डिजिटल टूल में से एक है। स्टैंड अप इंडिया के तहत एक लाख से भी अधिक उम्मीदवारों ने उद्यमिता का रास्ता चुनकर अपने नए उद्यम स्थापित किए हैं,जो कि आकांक्षी युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं। ये पोर्टल, सभी तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करते हैं और इस तरह उद्यमिता का जन-सामान्यीकरण करते हैं। हम,विशेष रूप से समाज के असेवित और अल्पसेवितवर्गों के लाभार्थ, व्यवसाय में सुगमता लाने के अपने प्रयत्नों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
स्टैंड-अप इंडिया योजना, महिलाओं और अनुसूचित जाति (अजा) और अनुसूचित जनजाति (अजजा) के असेवित / अल्प-सेवित वर्गों के उद्यमियों कीऋण तक पहुँच को अखिल भारतीय आधार पर सुनिश्चित करने के लिए उन्हें 10 लाख रुपए से 1.00 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता ग्रीनफील्ड (नए) उद्यमों के लिए प्रदान करती है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) की 1.25 लाख शाखाओं में से प्रत्येक शाखा द्वारा अजा / अजजा के उम्मीदवार को कम से कम एक-एक ऋण दिए जाने का लक्ष्य दिया गया है। अभ्यर्थी किसी भी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में जा सकते हैं या कहीं से भी 24X7 आधार पर, कभी भी स्टैंड अप मित्र पोर्टल पर जा सकते हैं। जब कोई अभ्यर्थी आवेदन करता है, तो पोर्टल उनकी क्रेडिट सूचना रिपोर्ट (सीआईआर) को नत्थी करने के साथ-साथ संपार्श्विक मुक्त पात्रता सहित उन्हें मार्गदर्शन देता है। नमूना परियोजना प्रोफाइल, समृद्धि चैटबॉट और बैंकेबिलिटी किट आदि जैसी कुछ डिजिटल विशेषताएं हैं, जो आवेदक के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने में सहजता के अनुभव कोसुगम बनाती हैं।
अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को स्टैंड-अप इंडिया से जुडने के लिए बढ़ावा देने के लिए, दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डीआईसीसीआई) के सहयोग से सिडबी ने राष्ट्रव्यापी वृहत अभियान अर्थात “स्वावलंबन संकल्प” का शुभारंभ किया है। । कोविड-19 महामारी के कारण, वर्तमान में कार्यक्रमों की एक साप्ताहिक वेब श्रृंखला अखिल भारतीय स्तर पर शुरू की गई है। प्रत्येक कार्यक्रम में एक बैंकर की उपस्थिति (उम्मीदवारों की संवेदनशीलता के लिए) तथा एक रोल मॉडल स्टैंडअपमित्र उद्यमी की उपस्थिति (प्रतिभागियों को प्रेरित करने के लिए कि उन्होंने यह कैसे किया) सुनिश्चित की जाती है और एक नए व्यावसायिक परिकल्पना के बारे में (विचार को आकार देने के लिए) प्रतिभागियों को सविस्तार बताया जाता है। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति केउम्मीदवारों के सपनों को पंख लगाकरयह ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को भी बढ़ावा देता है। भारत सरकार द्वारा अब इस योजना को वर्ष 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
सिडबी के बारे में : 1990 में अपने गठन के बाद से, सिडबी अपने एकीकृत, अभिनव और समावेशी दृष्टिकोण के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों के नागरिकों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। चाहे वे पारंपरिक, छोटे घरेलू उद्यमी हों, पिरामिड के सबसे निचले स्तर के उद्यमी हों, या फिर उच्च-स्तरीय ज्ञान आधारित उद्यमी हों, सिडबी ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) के जीवन को विभिन्न ऋणों तथा विकास कार्यों के माध्यम से प्रभावित किया है।
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