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Thursday, February 20, 2025

भृष्टाचार में लिप्त पिसावां विकास खंड, दोशी पाये जाने के बावजूद भी उसी ग्राम पंचायत में दी गई नियुक्ती ।

सीतापुर-अनूप पाण्डेय-सीतापुर/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के पिसावां विकास खण्ड में वित्तीय वर्ष 2016 में जिला अधिकारी महोदय द्वारा भृष्टाचार की जांच में ग्राम विकास अधिकारी को निलम्बित होने के बात एक हफ्ते में उसी ग्राम पंचायत में क्यों हुई नियुक्ती ?

दरअसल सीतापुर जनपद के पिसावां ब्लाक के ग्राम पंचायत जलालनगर व् ग्राम पंचायत बबुद्रीपुर में जिसमे 3 सौ से ज्यादा शौचालयों की शिकायती पत्र पे जिला अधिकारी के आदेशा अनुसार ग्राम पंचायतों की जांच कराई गई थी । ग्राम पंचायत में लाखों रूपये ग्राम विकास अधिकारी द्वारा शौचालयों में गवन हुआ था । जिसमे मुख्य विकास अधिकारी सीतापुर द्वारा पत्र संख्या 325/ दिनांक 15 .9.216 को पत्र जारी किया गया था । जिसमे तत्कालीन प्रधान जलाल नगर श्रीमती आशिफा बेगम व् ग्राम पंचायत बबुद्रीपुर तत्कालीन ग्राम प्रधान चन्द्रभान यादव तथा ग्राम विकास अधिकारी हरीश कुमार पर प्रथम सूचना दर्ज कर रुपयों की रिकवरी करने का आदेश जारी किया गया था ।
मगर ऐसा कुछ नही हुआ उसी ग्राम पंचायतों में उसी ग्राम विकास अधिकारी को एक हफ्ते में नियुक्ती दे दी गई जिससे ये साफ़ स्पष्ट होता है की जिम्मेदार अधिकारी की मिलीभगत से भृष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है।

जब इस विषय में न्यूज वन इंडिया की टीम ने डी. डी. वो. विवेक त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने इस मामले की जानकारी न होने की बात कही और उसकी जानकारी करके आगे की कार्यवाही करने का अस्वाशन दिया है ।

मगर सवाल ये उठता है जब जांच में दोशी पाये जाने के बावजूद इसप्रकार भष्ट अधिकारी से रिकवरी के आधेश हुआ था. तो ऐसा क्या हुआ जो उसी ग्राम विकास अधिकारी को तत्काल नियुक्ति कर दिया जो अभी तक स्पष्ट नही हो पाया है।

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