सीतापुर-अनूप पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर जनपद के ब्लॉक मछरेहटा की ग्राम पंचायत नेवादा कला में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खेला जा रहा है जिसको लेकर कई दिनों से समाचार की सुर्खियों में इस ग्राम पंचायत की चर्चाएं जारी है मगर अभी तक कोई जांच-पड़ताल नहीं हुई है ना ही जिला स्तर से जांच टीम गठित हुई है ।इसग्राम पंचायत में 14 वित्त चतुर्थ वित्त राज्य वित्त और 15 वित्त आयोग से ग्राम निधि फस्ट में निर्माण कार्य में न तो टेंडर प्रक्रिया कराई गई है जो 2% धरोहर धनराशि में कोई भी एफटीआर नहीं जमा किया गया है न कोई भी टेंडर प्रक्रिया एक्ट में ग्राम पंचायत निधि द्वारा कोई भी कार्य किया गया है तकनीकी एवं वित्तीय नियमों की अनदेखी की गई है वित्तीय हस्त पुस्तिका में सिद्धांत प्रतिपादित है की निविदा सार्वजनिक अखबार में प्रकाशित की जाय टेंडर बॉक्स में टेंडर डाले जाएंगे जिसमें जिसकी निविदा के रेट कम होंगे उसे स्वीकृत कर सामग्री की पूर्ति की जाएगी उसकी धरोहर धनराशि अर्लेस्ट मनी जमा की जाय ।
यह सब ना करते हुए ग्राम पंचायत में कोई भी टेंडर प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है साथ ही ग्राम पंचायत सचिव विशाल चन्द्रा व ग्राम प्रधान सुमेर द्वारा मनरेगा योजना तहत वित्तीय वर्ष 16 /17 में 17/18 18/19 में जो धन खर्च किया गया इसका सोशल ऑडिट और सामाजिक अंकेक्षण नही किया गया इस ग्राम पंचायत में कूड़ा धान के नाम पर 1लाख 50 हजार व् नेवादा में दो जगह वित्तीय वर्ष 2015,16 में खड़ंजा निर्माण कार्य / हैंड पम्प रिबोर में लगभग 2 लाख 45 हजार नए 5 नये हैंड पम्प के नाम पर मिला कर लाखो का जमकर भ्रष्टाचार किया गया मनरेगा योजना में भी कोई भी टेंडर प्रक्रिया नहीं कराई गई है और भारी पैमाने पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है पूरे नेवादा कला ग्राम पंचायत की सभी तालाबों से लगाकर नाली खडंजा सभी कार्यों की स्थितियां बहुत ही बुरी हैं पूरे ग्राम पंचायत में भारी पैमाने पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है स्वच्छ भारत मिशन तहत भी काफी धन का दुरुपयोग हुआ है पुराने शौचालयों को रंगवा पुतवाकर कर उनपर पर यूनिक आईडी डाल कर पैसा निकाला गया है। वही वित्तीय वर्ष 2020/21 में 15 वित्त चतुर्थ वित्त राज वित्त ,मनरेगा योजना आयोग के अंतर्गत सामुदायिक शौचालय के नाम व् संकर जी की बाउंड्री वाल के नाम से महादेवा मॉडल तालाब की चबूतरे जीने.व पिलर के ईंटे निकालवा कर निर्माण कार्य चालू हो गया वो भी बिना टेंडर के इस ग्राम पंचायत में लाभार्थियों के शौचालय नहीं बनवाये गए है उनके पूराने शौचालयों का पैसा निकाल लिया गया स्वच्छ भारत मिशन ग्राम निधी 6 में काफी धन का दुरुपयोग हुआ है यदि जनपद स्तर से तकनीकी समित पीडब्लू डी या आर आई ई डी अभियंताओं द्वारा सत्यापन मूल्यांकन कर जांच की जाय तो सारी सच्चाई खुलकर सामने आ जाएगी ।
सरकारी धन का दुरुपयोग जो बिना जिला पंचायती राज अधिनियम तहत हुआ है उसकी सच्चाई खुलकर सामने आ जाएगा अन्य कार्यों के लिए भी जो बिना गाइडलाइन के कार्य किए गए हैं ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान सुमेर व सेक्रेटरी विशाल चंद्रा द्वारा लगातार भ्रष्टाचार किया गया है।