मणिपुर में सरकार बनाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस जोड़-तोड़ में लगी है. रविवार को बीजेपी के नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर बहुमत का दावा किया. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री इबोबी सिंह ने कहानी को नया ट्विस्ट दे दिया. इबोबी सिंह ने कांग्रेस के पास बहुमत का दावा किया.
‘कांग्रेस के साथ एनपीपी’
इबोबी सिंह ने नेशनल पीपुल्स पार्टी के समर्थन का दावा किया. उन्होंने एनपीपी के समर्थन वाला पत्र भी जारी किया. ये पत्र नेशनल पीपुल्स पार्टी के महासचिव विवेकराज के नाम से राज्यपाल को लिखा गया है. 12 मार्च तारीख वाले इस पत्र में लिखा है- हमारी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में चार सीटें जीती हैं और राज्य में नई सरकार बनाने के लिए हम अपना समर्थन कांग्रेस पार्टी को देते हैं जो कि सबसे बड़ी पार्टी बनी है.
गवर्नर से मिले इबोबी
एनपीपी के समर्थन वाले पत्र के साथ इबोबी सिंह ने रविवार रात राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से भी मुलाकात की. इबोबी ने एनपीपी का समर्थन कांग्रेस के साथ होने का दावा किया. इबोबी ने राज्यपाल से कांग्रेस को सरकार बनाने का दावा पेश किया. इबोबी ने कहा- कांग्रेस सबसे ज्यादा सीट जीतकर बड़ी पार्टी बनी है, ऐसे में बहुमत साबित करने का पहला मौका उन्हें मिलना चाहिए.
किसी को नहीं मिला बहुमत
दरअसल मणिपुर में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. मणिपुर में विधानसभा की 60 सीटें हैं. कांग्रेस 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है. जबकि बीजेपी को 21 सीटें मिली हैं. ऐसे में कोई भी पार्टी बहुमत यानी 31 सीटों का जादुई आंकड़ा नहीं छू पाई है. वहीं नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) को 4-4 सीटें मिली हैं. इनके अलावा एलजेपी, तृणमूल कांग्रेस और निर्दलीय के खाते में भी एक-एक सीट गई है. सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को 3 विधायकों की जरूरत है. कांग्रेस का दावा है कि नेशनल पीपुल्स पार्टी के 4 विधायकों के समर्थन से विधानसभा में उसके पास 32 विधायकों की ताकत है.
एक तरफ बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अपने बहुमत की ताल ठोक रही है. अब देखना होगा राज्यपाल किस पार्टी का दावा सही मानती हैं और उसे सरकार बनाने के लिए बुलाती हैं.