मणिपुर में सरकार बनाने को लेकर संग्राम जारी है, जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही बहुमत होने का दावा कर रही हैं. हालांकि इस बीच बीजेपी ने कांग्रेस के एक विधायक को तोड़ कर अपने खेमे में मिला है और 32 विधायकों के समर्थन का दावा किया.
बीजेपी के उत्तर पूर्वी भारत के प्रभारी राम माधव और हिमंत बिस्व शर्मा ने राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला के सामने एक अनौपचारिक शक्ति प्रदर्शन में 32 विधायकों की परेड कराई. इनमें कांग्रेस विधायक एंड्रो श्याम कुमार और तृणमूल कांग्रेस के विधायक रविंद्र सिंह भी शामिल थे.
कई और विधायकों को जोड़ने का दावा
इस दौरान राजभवन के बाहर हिमंत बिस्व शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘टीएमसी से रविंद्र जी और कांग्रेस के श्याम कुमार जी ने हमें समर्थन दिया है. कई और नेता भी आगे हमारे समर्थन में जुटेंगे. आप लोग पूछ रहे थे कि हम बहुमत के लिए 31 विधायक कैसे जुटाएंगे, आप हमने 32 विधायकों का समर्थन दिखा दिया.’
इससे पहले कांग्रेस नेता और कार्यवाहक मुख्यमंत्री इबोबी सिंह ने कहानी को नया ट्विस्ट देते हुए कांग्रेस के पास बहुमत होने का दावा किया था. इबोबी सिंह ने बताया कि 4 विधायकों वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी ने उन्हें समर्थन जताया है. उन्होंने एनपीपी के समर्थन वाला पत्र भी जारी किया. ये पत्र नेशनल पीपुल्स पार्टी के महासचिव विवेकराज के नाम से राज्यपाल को लिखा गया है. 12 मार्च तारीख वाले इस पत्र में लिखा है- हमारी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में चार सीटें जीती हैं और राज्य में नई सरकार बनाने के लिए हम अपना समर्थन कांग्रेस पार्टी को देते हैं जो कि सबसे बड़ी पार्टी बनी है.
गवर्नर से मिले इबोबी
एनपीपी के समर्थन वाले पत्र के साथ इबोबी सिंह ने रविवार रात राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से भी मुलाकात की. इबोबी ने एनपीपी का समर्थन कांग्रेस के साथ होने का दावा किया. इबोबी ने राज्यपाल से कांग्रेस को सरकार बनाने का दावा पेश किया. इबोबी ने कहा- कांग्रेस सबसे ज्यादा सीट जीतकर बड़ी पार्टी बनी है, ऐसे में बहुमत साबित करने का पहला मौका उन्हें मिलना चाहिए.
किसी को नहीं मिला बहुमत
दरअसल मणिपुर में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. मणिपुर में विधानसभा की 60 सीटें हैं. कांग्रेस 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है. जबकि बीजेपी को 21 सीटें मिली हैं. ऐसे में कोई भी पार्टी बहुमत यानी 31 सीटों का जादुई आंकड़ा नहीं छू पाई है. वहीं नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) को 4-4 सीटें मिली हैं. इनके अलावा एलजेपी, तृणमूल कांग्रेस और निर्दलीय के खाते में भी एक-एक सीट गई है. सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को 3 विधायकों की जरूरत है. कांग्रेस का दावा है कि नेशनल पीपुल्स पार्टी के 4 विधायकों के समर्थन से विधानसभा में उसके पास 32 विधायकों की ताकत है.