इंफाल। मणिपुर में 31 मई तक इनर लाइन परमिट [आइएलपी] व्यवस्था लागू करने के लिए आंदोलन तेज करते हुए एक ताकतवर स्थानीय कमेटी ने शनिवार को कहा कि किसी भी गैर मणिपुरी व्यक्ति को एक से पांच जून तक राज्य में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। यह आंदोलन का पहला चरण होगा। इसका दूसरा चरण छह से दस जून तक चलेगा जिसमें किसी भी गैर मणिपुरी को इसके आस पास के इलाके में भी आने की इजाजत नहीं होगी।
ज्वाइंट कमेटी ऑन इनर लाइन परमिट [जेसीआइएलपी] के प्रवक्ता सापामाचा जादूमनी ने कहा, ‘हम गैर मणिपुरियों के खिलाफ नहीं हैं लेकिन हम केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह करते हैं कि मणिपुर के स्थानीय लोगों की अलग पहचान बनाए रखने के लिए वे मणिपुर में आइएलपी व्यवस्था लागू करे। प्रवक्ता ने दावा किया कि इस आंदोलन को विभिन्न छात्र संगठनों सहित दूसरे सामाजिक संगठनों का भी समर्थन है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार को जेसीआइएलपी के प्रस्तावित कार्यक्रम की जानकारी है और इस मुद्दे पर उसके प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के लिए प्रयास किए जाएंगे। राज्य विधानसभा कुछ माह पहले ही इस संदर्भ में प्रस्ताव पारित कर केंद्र से कह चुकी है कि राज्य में आइएलपी लागू करे।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस पर आगे की कार्रवाई करे जबकि जेसीआइएलपी सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास मामले को स्पष्ट ढंग से रखा नहीं गया जिसके परिणाम स्वरूप मंत्रालय कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम है। संगठन के सूत्रों ने कहा कि मणिपुर में बहुत सारे मजदूर, छोटे व्यवसायी और अन्य दूसरे क्षेत्रों के बड़ी संख्या में लोग पहाड़ी इलाकों में जनजातीय लोगों के बीच घुस गए हैं। यदि यही सिलसिला जारी रहा और इसपर तत्काल रोक नहीं लगी तो यह संख्या प्रदेश की स्थानीय आबादी से भी बढ़ जाएगी।