नई दिल्ली।रक्षा मंत्री पद से मनोहर पर्रिकर के इस्तीफे के बाद इस मंत्रालय का जिम्मा एक बार फिर अरुण जेटली के पास आ गया है। वित्त मंत्री को रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। पर्रिकर से पहले भी यह मंत्रालय जेटली के ही पास था। पर्रिकर मंगलवार शाम गोवा के नए सीएम पद की शपथ लेंगे। इससे पहले वह 2000 से 2005 और 2012 से नवंबर 2014 तक गोवा के सीएम रह चुके हैं। 2014 में मोदी सरकार ने उन्हें कैबिनेट में शामिल कर रक्षा मंत्रालय सौंपा था।
2014 में जब पर्रिकर ने रक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण किया था, तब वह इसके ‘इच्छुक’ नहीं थे। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह गोवा के सीएम बने रहना पसंद करेंगे, लेकिन पर्रिकर ने बहुत जल्द ही रक्षा मंत्रालय के काम को समझ लिया, चाहे वह इसकी जटलिता हो या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा की अनिवार्यता। पर्रिकर ने कई दूरगामी नीतिगत पहल की। इनमें डीआरडीओ में सुधार और हथियार कंपनियों के लिए ‘ब्लैक लिस्टिंग’ नीति लाना शामिल है।
बीजेपी को समर्थन दे रही पार्टियां महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और 3 निर्दलीयय विधायकों ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को अपना नेता चुना है। रविवार शाम मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों सहित समर्थन दे रहे विधायकों ने गवर्नर से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था।