कोलकाता। पश्चिम बंगाल में भाजपा तेजी से अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों में जुटी है। दूसरी तरफ दो दिन पहले भाजपा को ‘आतंकी संगठन’ करार देने वाली तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने पहली बार जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि मनाने की घोषणा कर सबको चौंका दिया।
शनिवार को दक्षिण कोलकाता के केवड़ातल्ला महाश्मशान घाट के पार्क में लगी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों फिरहाद हकीम व शोभनदेव चट्टोपाध्याय के अलावा कोलकाता नगर निगम की चेयरपर्सन माला राय ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
इसी पार्क में लगी मुखर्जी की प्रतिमा को त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति ढाहे जाने के बाद तोड़फोड़ कर कालिख पोत दी गई थी। कोलकाता नगर निगम ने शनिवार को ही श्यामा प्रसाद की नई मूर्ति को स्थापित किया, जहां उनकी पुण्यतिथि मनाई गई।
जानकारों का मानना है कि पहली बार ममता सरकार ने जनसंघ के संस्थापक की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए नोटिस जारी किया।
माना जा रहा है कि जिस तरह से भाजपा का प्रभाव विस्तार हो रहा है और ममता सरकार पर मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगते रहे हैं, उसी की काट तृणमूल नेतृत्व ने तलाशी है ताकि वे बता सकें कि उनके लिए सभी समान हैं।
वहीं भाजपा नेताओं ने पुण्यतिथि पर प्रदेश पार्टी मुख्यालय से लेकर धर्मतल्ला तक स्वच्छता अभियान को लेकर जुलूस निकाला।
इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा व सांसद रूपा गांगुली समेत कई नेताओं ने केवड़ातल्ला पहुंचकर मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि देर से ही सही, तृणमूल सरकार को सद्बुद्धि आई है। मैं इस बात की सराहना करता हूं कि उन्होंने मुखर्जी की पुण्यतिथि मनाई।
वहीं तृणमूल नेता व बिजली मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि इससे यह साबित नहीं होता है कि भाजपा तृणमूल और तृणमूल भाजपा बन गई है। ममता सरकार राज्य के अंदर व बाहर सभी हस्तियों को सम्मानित करती आ रही है।