मलेरिया से बचाव को सतर्कता जरूरी,,,,,,
बहराइच :(अब्दुल अजीज)NOI:- विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार मे एक बैठक का आयोजन किया गया | डॉ एस के सिंह मुख्य चिकित्साधिकारी ने बैठक को संबोधित करते हुये बताया कि लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक करने और इस बीमारी से बचाव के लिए दुनिया भर मे 25 अप्रैल “विश्व मलेरिया दिवस” के रूप मे मनाया जाता है | उन्होने बताया कि मलेरिया प्लाजोडियम नाम के पैरासाइट से होने वाली बीमारी है जो मादा एनाफिलीज़ मच्छर के काटने से होती है | ये मच्छर गंदे पानी मे पनपते हैं और आमतौर पर सूर्यास्त के बाद रात मे ज्यादा काटते हैं |
डॉ अनिल कुमार उप मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि मलेरिया बारिश के मौसम मे जुलाई से नवंबर माह के बीच ज्यादा फैलता है | इसमे अचानक कंपकपी ( ठंड ) के साथ तेज बुखार आता है और गर्मी या पसीने के साथ कम हो जाता है एवं मरीज को कमजोरी महसूस होती है | उन्होने सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि अपने अपने क्षेत्र मे मच्छरों के लार्वा को खत्म करने के लिए फोगिंग करायी जाय और लोगों को मच्छर जनित बीमारी से बचाव हेतु जागरूक भी किया जाय |
बचाव –
फुल आस्तीन के कपड़े पहने
मच्छरदानी का प्रयोग करें
गर्मी मे पानी का सेवन खूब करें
घर एवं आस पास साफ सफाई रखें
नालियों या आस पास पानी न जमा होने दें
कूलर के पानी को निरंतर बदलते रहें
घर के छटों पर टायर, गमले या बर्तनों मे पानी न इक्कठा होने दे
डॉ विकास सिंह इपीडेमोलाजिस्ट ने बताया कि मलेरिया का सही समय पर इलाज न किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकता है | उन्होने बताया कि बुखार आने पर खून की जांच अवश्य कराएं एवं बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें | डॉक्टर की सलाह के अनुसार निर्धारित मात्रा मे दवाओं के सेवन से मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है | इस अवसर पर डॉ योगिता जैन सहित ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की एनम मौजूद रही |