नई दिल्ली, NOI | ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरना शुरू कर दिया है। अमेरिका ने भारत का समर्थन करते हुए जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अर्जी दायर की है जबकि अमेरिका की इस पहल का चीन ने विरोध किया है। अजहर पर बैन लगाने की भारत की कोशिशों का चीन पहले ही विरोध कर चुका है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने की अमेरिकी पहल और चीन के विरोध किए जाने की उसे जानकारी हुई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मामले को चीन सरकार के समक्ष उठाया गया है।
अजहर ने खुलेआम पठानकोट एयरबेस पर हमला करनेवाले आतंकियों की तारीफ की थी। मसूद अजहर वही आतंकी है जिसे 1994 में जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों की वजह से गिरफ्तार किया गया था लेकिन 1999 में इंडियन एयरलाइंस की अगवा फ्लाइट 814 के यात्रियों की रिहाई के बदले कांधार ले जाकर रिहा कर दिया गया।
इस बीच, अनेक शीर्ष अमेरिकी थिंकटैंक ने ट्रंप प्रशासन से सिफारिश की है कि सिर्फ प्रलोभन से आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान की मौजूदा नीतियां नहीं बदली जा सकतीं और आतंकवाद के प्रायोजन करने वाला देश घोषित करने का विकल्प खोल कर पाकिस्तान को इस राह से डिगाना चाहिए।
इन संगठनों ने एक रिपोर्ट में कहा है कि नए प्रशासन के पहले साल पाकिस्तान को आतंकवाद के प्रायोजन करने वाला देश घोषित करना विवेकपूर्ण नहीं होगा, लेकिन दीर्घकाल के लिए विकल्प रखना चाहिए।