मुंबई। महिलाओं की सहूलियत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शादी या तलाक के बाद महिलाओं को पासपोर्ट पर अपना नाम बदलने की जरूरत नहीं है। वह अपने जन्म के बाद दिए नाम को जारी रख सकती हैं। साथ में वह अपने पिता या माता का नाम दे सकती हैं। उद्योग जगत में आइएमसी की महिला विंग को वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।
इस मौके पर उन्होंने महिलाओं के हित में कई फैसलों और कदमों का ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि महिला उद्यमियों को तीन खरब मुद्रा लोन में से 70 फीसद मंजूर किया जा चुका है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाइ) के तहत बने मकानों की रजिस्ट्री उस घर की महिला के नाम पर की जाए। चूंकि उनके नाम पर कम ही घरों की रजिस्ट्री कराई जाती है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार अब तक दो करोड़ महिलाओं को चूल्हों के दुष्प्रभाव से भी बचाने में कामयाब रही है। उन्हें उज्ज्वला स्कीम के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन देकर चूल्हे की आंच से मुक्ति दिलाई गई है।
सरकार अगले दो सालों में पांच करोड़ और परिवारों को इस योजना के तहत शामिल करना चाहती है। ऐसा इसलिए संभव हो पाया कि उनकी अपील पर 1.2 करोड़ लोगों ने अपने एलपीजी गैस कनेक्शन पर सब्सिडी लेना बंद कर दिया। सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए मैटरनिटी लीव को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते का कर दिया है। साथ ही हर उस गर्भवती महिला के बैंक खाते में 6000 रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं जो अस्पताल में बच्चे को जन्म देती हैं। इसका मकसद शिशु मृत्यु दर को कम करना है।
मोदी ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत एक करोड़ से अधिक महिलाओं को उनकी बचत पर अधिक ब्याज दर दी जाती है। इंडियन मर्चेट्स चेम्बर की 50वीं वर्षगांठ पर मोदी ने महिला उद्यमियों को आम जनता के लिए जीएसटी प्रशिक्षण की कार्यशालाएं चलाने को कहा। उन्होंने महिला उद्यमियों के साहस की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिन भी क्षेत्रों में महिलाओं को अवसर दिया गया है, उन्होंने साबित कर दिया है कि वह उस मामले में पुरुषों से भी दो कदम आगे हैं। डेयरी और पशुपालन में महिलाओं का बड़ा योगदान बताते हुए उन्होंने कहा कि लिज्जत पापड़ और अमूल इसके सबसे अच्छे उदाहरण हैं।