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Saturday, December 14, 2024

महिला अफसर की पति सहित हत्या, लूटपाट

लखनऊ – गोमतीनगर के विपुल खंड में बदमाशों ने एक महिला अफसर व उनके पति की रविवार को लूटपाट कर नृशंस हत्या कर दी गई। लुटेरों ने दंपति पर चाकू से दर्जनों वार किये। वारदात को अंजाम देने से पहले कातिलों ने उनके पालतू कुत्ते को बेडरूम में बंद कर दिया था। दिल्ली में रह रही बेटी ने फोन रिसीव न होने पर अपने मामा को माता-पिता की खैरखबर लेने भेजा तो ड्राइंग रूम में दोनों के खून से लथपथ शव मिले। घटना स्थल पर अलमारी, लॉकर व सामान बिखरा पाया गया है। दंपति द्वारा लुटेरों से संघर्ष होने के निशान भी पाए गए हैं। वारदात से इलाके में सनसनी है। वहीं शुरुआत में लूट से इंकार कर रही पुलिस डॉग स्क्वाएड व फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की मदद से देर रात तक तहकीकात में जुटी थी।
पुलिस के मुताबिक, बाराबंकी में श्रम प्रवर्तन अधिकारी लता मेहरा (58) व देना बैंक के सेवानिवृत्त कैशियर उनके पति राकेश नारायण मेहरा (61) की आज दोपहर बाद विपुल खंड-6 स्थित उनके घर में चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी गई। ड्राइंग रूम में सोफे पर लता व फर्श पर राकेश का खून से लथपथ शव पड़ा मिला। मेज पर दो ग्लास व एक कटोरी में मिठाई रखी थी। दंपती का पालतू कुत्ता बेडरूम में बंद था।
विराम खंड -5 निवासी लता के भाई राकेश खत्री ने पुलिस को जानकारी दी कि दिल्ली में एक निजी कंपनी में नौकरी करने वाली उनकी भांजी गुंजन मेहरा ने आज रात 10:14 बजे फोन करके बताया कि मम्मी-पापा का फोन रिसीव नहीं हो रहा है। दो बार घंटी जाने के बाद पापा का फोन बंद हो गया है। इस पर राकेश अपनी बहन के घर पहुंचे। कॉलबेल बजाने और गेट खटखटाने पर कोई आहट नहीं हुई तो उन्होंने पड़ोसी बीके गुप्ता के बेटे की मदद से मेनगेट खुलवाया। जबकि ड्राइंगरूम के खुले मिले। राकेश व लता के खून से लथपथ शव पड़े देखकर उन्होंने शोर मचाया और 100 नंबर पुलिस को फोन किया। थोड़ी देर में गोमती नगर एसओ अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। इसेक बाद आईजी जोन सुभाष चंद्रा, एसएसपी जे. रविंदर गौड व अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। कातिल का पता लगाने के लिए खोजी कुत्ता व फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट बुलाकर तहकीकात शुरू कर दी गई है।
मृतक राकेश नारायण के पड़ोसी रिटायर रेलकर्मी बीके गुप्ता ने पुलिस को बताया कि लता मेहरा आज दोपहर 12 बजे उनकी पत्नी के साथ उनके मकान के सामने रहने वाले सीडीआरआई में वैज्ञानिक एसके त्रिपाठी के घर कीर्तन में गई थीं। डेढ़ घंटे बाद दोनों महिलाएं अपने घरों को लौट आयी। इसके बाद कातिलों ने वारदात अंजाम दे डाली।
परिचित पर शक
मौका मुआयना के बाद पुलिस ने लता या राकेश के किसी परिचित पर संदेह जताया है। मेज पर रखे दो ग्लास व प्लेट में मिठाई देख माना जा रहा है कि दोपहर बाद कोई करीबी अपने साथी समेत उनके घर आया था। उसे नाश्ता देने के बाद लता सोफे पर बैठी बातचीत कर रही होगी। इस दौरान हमलावरों ने धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी। संभव है कि पत्नी की चीख सुनकर दौड़े राकेश को हमलावरों ने दबोचकर मार डाला। इससे पहले बेडरूम में बाहर से कुंडी लगा दी थी। जिससे उनका पालतू कुत्ता अंदर बंद हो गया।
बेरहमी से अंजाम दी वारदात
कातिलों ने सब्जी काटने वाले तीन चाकुओं से वारदात को अंजाम दिया। इनमें दो चाकुओं का बेट टूट गया था और फल लता के पेट में धंसा मिला, जबकि दो चाकू मेज पर पड़े थे। दोनों की गर्दन पर रेतने व गोदने के निशान थे। इसके अलावा पेट पर भी कई वार करके हत्या की गई थी। पुलिस के अनुसार राकेश नारायण के गले से लेकर पेट तक लगभग 16 चाकू के वार के निशान मिले हैं। वहीं महिला के शरीर पर चाकुओं के 28 घाव मिले हैं।
शांत स्वभाव के थे राकेश-लता
पड़ोसियों ने बताया कि पति-पत्नी शांत स्वभाव के थे। पिछले साल अप्रैल में बैंक की नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद राकेश घर में ही रहते थे। वह कुत्ता टहलाने के लिए ही दिन में चार-पांच बार घर से निकलते थे। लता रोजाना सुबह ड्यूटी पर जाती और शाम को घर लौट आती थी। वह घर के मेनगेट में भीतर से ताला बंद रखते थे। इकलौती बेटी गुंजन मेहरा दिल्ली में रहती है। पड़ोसियों का कहना है कि उनका बहुत ज्यादा किसी से मेलजोल नहीं था। दोनों अधिकतर अपने घर पर ही रहते थे। रविवार को घर ही होने के कारण लता मेहरा कीर्तन में गई थी।

रंजिश में अंजाम दी वारदात
एसएसपी जे रविंदर गौड ने बताया कि राकेश व लता मेहरा के सेलफोन, कंप्यूटर, पर्स व घर का अन्य सामान यथावत रखा था। प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि कातिलों का मकसद लूटपाट का नहीं था। रंजिश या अन्य कारण से किसी करीबी द्वारा वारदात अंजाम दी गई है। कॉल डिटेल व अन्य तरीकों से तहकीकात चल रही है।

मेनरोड से पैदल आए थे कातिल
कमरे की गंध सूंघने के बाद खोजी कुत्ता गली से होते हुए मेन रोड तक पहुंचा। वहां ठिठक गया। पुलिस का मानना है कि मेनरोड पर वाहन खड़ा करने के बाद कातिल पैदल ही लता व राकेश के घर तक गए थे। कातिलों की संख्या दो या उससे अधिक थी।

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