नई दिल्ली। जिस वक्त महिला का प्राइवेट पार्ट छुआ गया था उस वक़्त महिला ने शोर नहीं मचाया था। इसलिए छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया है।
मुंबई की एक अदालत ने ये फैसला सुनाया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने महिला की इस बात को भी खारिज कर दिया कि उस वक़्त महिला डरी सहमी थी क्योंकि उसके साथ छेड़छाड़ उसके बच्चे की मौजूदगी में हुआ था।
हालांकि आरोपी के बरी होने की सिर्फ यही वजह नहीं थी। कोर्ट ने फैसले में स्पष्ट किया कि इस तरह के मामलों में पीड़ित का रिऐक्शन महत्वपूर्ण है, हालांकि यह हमेशा निर्णायक नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि घटना किसी सुनसान जगह पर नहीं हुई बल्कि ऐसे जगह पर हुई जहां चारों तरफ तमाम घर और लोग थे जिनसे महिला परिचित थी।
महिला के मुताबिक जब वह अपने घर के पास अपने बच्चे के साथ खेल रही थी तभी आरोपी ने उसके प्राइवेट पार्ट्स को छुआ था। कोर्ट ने अपने फैसले में महिला के बदलते बयानों का जिक्र किया है।
महिला ने कोर्ट में कहा कि घटना के वक्त आरोपी शराब के नशे में था लेकिन उसने पुलिस में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में इसका कोई जिक्र नहीं किया था।
कोर्ट ने कहा कि महिला के बयान विश्वसनीय नहीं हैं और संदेह पैदा करते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि महिला ने बताया कि वह सलवार-कमीज पहनी हुई थी लेकिन जांच अधिकारियों ने बताया कि वह नाइट गाउन में थी।
महिला ने कोर्ट को बताया कि 22 दिसंबर 2014 को जब यह घटना हुई तो वह डर गई थी और घर में भाग गई। बाद में उसने इसकी जानकारी अपनी मां और दो बहनों को दी।
उसके बाद उसने डिंडोशी पुलिस में शिकायत दर्ज की। शिकायत के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। अपनी शिकायत में महिला ने कहा कि आरोपी ने एक हाथ उसके बच्चे के गालों पर रखा और दूसरे हाथ से उसके प्राइवेट पार्ट्स के साथ छेड़छाड़ करने लगा।