श्रीगंगानगर। पति की मौत के बाद वह लोगों के घरों में साफ-सफाई का काम करके जीवनयापन करती थी, लेकिन नौकरी दिलाने का झांसा देकर आरोपियों ने दस दिन तक उसके साथ जो किया, वह उसके लिए असहनीय बन गया। पीडि़ता अब पुलिस की चौखट पर बैठकर न्याय की गुहार लगा रही है।
मामला श्रीगंगानगर से जुड़ा है। यहां एक युवती को उसी के पड़ोस में रहने वाली सिमरन और उसका पति अनिल 6 मई को उसके घर आए और उसे काम दिलाने का बहाना बनाकर ढाई लाख रुपए में नागौर में बेच दिया, लेकिन जिन लोगों को बेचा उन्होंने उसके साथ वह किया, जिसे सुनकर रूह कांप उठे। पीडि़ता ने एसपी के समक्ष पेश होकर आपबीती बताई तब महिला थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। इसकी जांच सीओ सिटी कर रहे हैं। पदमपुर के नजदीक बैरां गांव निवासी पीडि़ता हाल में श्रीगंगानगर कौडियांवाली पुलिया के पास किराये के मकान में रह रही है।
जानकारी के अनुसार उसके पड़ोस में रहने वाले सिमरन और उसका पति अनिल 6 मई को उसके घर आए और उसे काम दिलाने का बहाना बनाकर किसी पूजा नाम की महिला के घर ले गए। इसके बाद सिमरन व उसका पति उसे नागौर थाना क्षेत्र के कच्छीपुरा इलाके के बडू चौहिलांवाली गांव ले गए। उन्होंने वहां पीडि़ता को गणपत हनुमान को 2 लाख 80 हजार रुपए में बेच दिया। इसके बाद हर रोज पीडि़ता के साथ दुष्कर्म किया जाने लगा। दस दिन की यातना झेलकर मौका पाकर पीडि़ता ने अपने माता-पिता को फोन पर सूचना दे दी और उन्होंने पुलिस को अवगत कराया तो मानव तस्करी विरोधी यूनिट पुलिस मौके पर जाकर पीडि़ता को यहां ले आई। इसके बाद सिमरन उसके पति अनिल, गणपत और हनुमान सहित तीन-चार अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई। मुख्य आरोपी अनिल को पुलिस ने पहले भी कई बार वेश्यावृति के आरोप में जेल भेज चुकी है। इतना कुछ होने के बावजूद पुलिस की जांच अभी तक पीडि़ता के बयानों तक ही पहुंच पाई है। पीडि़ता पुलिस की चौखट पर बैठकर न्याय की गुहार लगा रही है।