लखनऊ,दीपक ठाकुर। माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति काल रात्रि के नाम से जानी जाती है।माँ कालरात्रि का स्वरूप भले ही भयानक होता है पर होता फलदाई ही है इसी कारण इनका एक नाम शुभंकरी भी है। माँ कालरात्रि दुष्ट जनों का नाश करने वाली होती हैं। माँ के इस स्वरूप की पूजा ह्रदय में माँ के स्वरुप को बसा कर एकनिष्ठ भाव से करने के परिणाम स्वरूप मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
माँ का वही महिषासुर मर्दिनि रुप दिखा ठाकुर गंज स्थित माँ पूर्वी देवी मंदिर में तस्वीर में आपको माँ का रूप दिख ही रहा होगा काले घने लंबे केश गले मे मुंड माला हाथ मे तलवार कटार लिए माँ रुद्र रूप धारण किये हैं जिनसे असुर थर थर कांपते है।
पूर्वी देवी मंदिर नवरात्र की सप्तमी के दिन भी उसी प्रकार विधि विधान से मां की पूजा अर्चना की गई महिला समिति द्वारा मा को मनाने का भरपूर प्रयास होता दिखाई दिया साज बाज और तालोयों की थाप के साथ माँ की महिमा का बखूबी बखान किया गया जिसमें वंदना टंडन आशा मेहरोत्रा और चन्द्रा शर्मा ने समा बांधने में कोई कोर कसर नही छोड़ी सभी माँ को प्रसन्न करते व दरबार मे अपनी हाजरी लगाते नज़र आये।
पूर्वी देवी मंदिर में मां के विशेष भोग के साथ भक्तों में प्रासाद वितरण की भी पूरी व्यवाथा की गई थी साथ ही मंदिर में लोगो के साथ कोई दिक्कत ना पेश आये इसका भी बेहतरीन इंतज़ाम किया गया था।
मंदिर में हुई माँ की भव्य आरती के वक़्त सभी भक्तों ने हाथ जोड़ कर उसमें अपना योगदान दिया वही आरती ले कर अपना और अपने परिवार व शुभचिंतकों की मंगल कामना भी की।