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Thursday, November 7, 2024

मानव तस्करी घोर अमानवीय अपराध, जिसका खात्मा होना जरूरी : सांसद

मानव तस्करी घोर अमानवीय अपराध, जिसका खात्मा होना जरूरी : सांसद
मानव तस्करी के विरुद्ध भारत-नेपाल हितभागियों की कार्यशाला,,,,,,,,,

बहराइच :(अब्दुल अजीज)NOI:- भारत-नेपाल की खुली सीमा, गरीबी व वंचना समेत कई कारणों के चलते मानव तस्करी का मुद्दा एक ज्वलन्त व विकराल समस्या बन चुका है! प्रति वर्श हज़ारों बेटियां, महिलाएं, युवा और बच्चे मानव तस्करों के जाल में फंसकर दुनिया के इस दूसरे सबसे बडे अवैध व्यापार की बलि पर चढाये जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेष के 7 (सात) जिले-बहराईच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, लखीमपुर व पीलीभीत भारत-नेपाल की खुली सीमा पर स्थित हैं, जिनके रास्ते मानव तस्कर इस अनैतिक मानव-व्यापार को अंजाम दे रहे हैं।
सीमा पर सषस्त्र सीमा बल, पुलिस और स्वैच्छिक संस्थाएं मानव तस्करी के विरुद्ध निरन्तर कार्य कर रही है किन्तु विभिन्न प्रकार की नीतिगत कठिनाईयों व रुकावटों के चलते इस अनैतिक व्यापार को जड से मिटाना सम्भव नहीं हो पा रहा है।

इसे ध्यान में रखते हुए कैरीटास इन्डिया, नई दिल्ली के साथ मिलकर स्वैच्छिक संस्था-डेवलपमेन्टल एसोषिएसन फार ह्यूमन एडवान्समेन्ट-देहात, पूर्वांचल ग्रामीण सेवा समिति-गोरखपुर, प्रभाततारा-लखनऊ एवं षक्ति समूह-नेपाल द्वारा भारत-नेपाल स्टेकहोल्डर कार्यषाला का आयोजन किया, जिसमें मुख्य अतिथि सांसद-बहराईच श्री अक्षयबर लाल गोंड जबकि विषिश्ट अतिथि अभिशेक पाठक-उप महानिरीक्षक, सषस्त्र सीमा बल व आफ्ताब मोहम्मद- बाल संरक्षण विषेशज्ञ, यूनीसेफ-उत्तर प्रदेष एवं स्काटलैंड से आयीं सुश्री सैडी स्कूलियन रहे।

सांसद श्री गोंड ने कहा कि मानव तस्करी घोर अमानवीय अन्तर्राश्ट्रीय अपराध बन चुका है, जिसके लिये सरकारी विभागो, स्वैच्छिक संस्थाओं व सुरक्षा बलों को एक साथ मिलकर काम करना होगा! एक जनप्रतिनिधि के रूप में मैं प्रत्येक स्तर पर इस समस्या के समाधान के लिये प्रतिबद्ध हूं।

यूनीसेफ-उत्तर प्रदेष, लखनऊ से आये बाल संरक्षण विषेशज्ञ आफताब मोहम्मद ने कहा कि मानव तस्करी के विरुद्ध सरकार की ओर से किये जा रहे हर प्रयास में जन भागीदारी के जरिये मजबूती लाने की ज़रूरत है।

देहात संस्था के मुख्य कार्यकारी डा0 जितेन्द्र चतुर्वेदी ने कहा कि सषस्त्र बलों व स्वैच्छिक संस्थाओं के अथक प्रयासों के बावजूद भी मानव तस्करों के सन्जाल को तोडना इसलिये सम्भव नहीं हो पा रहा क्यूंकि मानव तस्करों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही नहीं हो पा रही है। इसके अतिरिक्त सीमावर्ती जनपदों में बच्चों व महिलाओं के लिये षरणालय का नही होना भी मानव तस्करी की रोकथाम में बडी बाधा है! इन बाधाओं को खत्म किये बिना समाधान सम्भव नहीं।

कैरीटास इन्डिया की लीज़ा ने कहा कि भारत व नेपाल की सीमाओं के दोनों ओर मानव तस्करी के विरुद्ध काम करने वाली संस्थाओं को लगातार समन्वयन व नेटवर्किंग करते हुए काम करने की आवष्यकता है।

सषस्त्र सीमा बल के उप-महानिरीक्षक अभिशेक पाठक ने कहा कि मानव तस्करी सषस्त्र सीमा बल की प्रथमिकताओं में है और सषस्त्र सीमा बल निरन्तर इस अनैतिक व्यापार के विरुद्ध समर्पित है और आगे भी हमारे प्रयास और सघन होंगे।

इस कडी में मानव तस्करी को एक सात सूत्रीय ज्ञापन सांसद श्री गोंड को सौपा गया, जिसमें मुख्य मांगे निम्न रहींः

बहराईच समेत सभी सीमावर्ती जनपदों में महिलाओं, बच्चियों व लडकों हेतु किसी प्रकार का होम (षरणालय) नहीं होने के चलते प्रभावी कानूनी कार्यवाही एवं पुनर्वास सम्भव नहीं हो पा रहा है! कृपया प्रत्येक जिले में महिलाओं, बच्चियों व लडकों हेतु बाल/बालिका गृह एवं महिला गृह स्थापित किये जायें।
प्रत्येक जिले में पुलिस की मानव तस्करी रोधी ईकाई (एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) को एक स्वतन्त्र अधिकार सम्पन्न ईकाई के रूप में प्रतिश्ठापित किया जाये।
संसद में विगत कई वर्शों से लम्बित “मानव तस्करी रोधी बिल“ को पारित करवाकर कानून लागू करवाने हेतु संसद में प्रभारी पैरवी करने की कृपा करें।

भारत-नेपाल सीमा सम्बन्धित मुद्दों पर होने वाली आधिकारिक बैठकों में मानव तस्करी के मुद्दे को नियमित एवं अनिवार्य एजेन्डा के रूप में षामिल किया जाये।
मानव-तस्करी से मुक्त कराये जाने वाले पीडितों के लिये कोई भी ठोस एवं एकीकृत पुनर्वास कार्यक्रम संचालित नहीं हैं! अतः पीडितों के पुनर्वास के लिये एक ठोस कार्यक्रम का सृजन एवं क्रियान्वयन हो।
भारत-नेपाल सीमावर्ती सभी थानों में “महिला एवं बाल मैत्रिक संरक्षण“ कक्ष की स्थापना हो, जहां कार्यवाही के दौरान उन्हें सभी आवष्यक सुविधाओं के साथ एक उचित वातावरण में संरक्षित किया जा सके।
भारत एवं नेपाल के बीच मानव तस्करी एवं इन्ही प्रकार की अन्य परिस्थितियों से संरक्षित अन्य महिलाओं व बच्चों के संरक्षण, घर वापसी एवं पुनर्वास हेतु स्टैन्डर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर (एस0ओ0पी0) का क्रियान्वयन किया जाय।

कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति मैजिस्ट्रेट श्रीमती अन्जुम अजीम, जिला प्रोबेषन अधिकारी वी0पी0 वर्मा, नेपाल की स्वैच्छिक संस्थाएं माईती-नेपाल से केषव कोईराला, विनराक इन्टरनेषनल-नेपाल की कमला पन्त, नेपाली मीडिया से रुद्र सुबेदी, महाराजगन्ज, लखनऊ समेत अनेक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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