गडकरी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद और अधिवक्ता अजय दिगपॉल ने दलील दी कि केजरीवाल ने उनके मुवक्किल और भाजपा नेता की छवि धूमिल करने तथा उनकी गरिमा कम करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से उनके खिलाफ बयान दिया. उनकी दलील थी कि केजरीवाल ने 57 वर्षीय गडकरी के खिलाफ बेबुनियाद और झूठे आरोप लगाए.
अदालत ने 18 फरवरी को गडकरी तथा अधिवक्ता नीरज के बयान शिकायतकर्ता तथा गवाह के तौर पर दर्ज किए. बयान में गडकरी ने दावा किया कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने उनकी सार्वजनिक छवि धूमिल करने के लिए कथित भ्रष्ट राजनीतिज्ञों की सूची में उनका नाम शामिल किया. गडकरी ने बयान में कहा कि बिना किसी आधार के झूठे और मानहानि वाले बयान देना केजरीवाल की आदत है. केजरीवाल और उनकी पार्टी के सदस्यों द्वारा दिए गए बयानों से मेरी छवि प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कथित बयान केजरीवाल और उनकी पार्टी के सदस्यों ने यह जानते हुए दिया कि यह पूरी तरह झूठा है, बेबुनियाद है और मेरी प्रतिष्ठा धूमिल करने के इरादे से दिया गया है.
बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि 31 जनवरी को केजरीवाल ने कथित भारत के सर्वाधिक भ्रष्ट लोगों की एक सूची पेश की जिसमें उनके सहित विभिन्न नेताओं के नाम डाले गए थे. केजरीवाल ने कई नेताओं पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया है और कहा है कि उनके खिलाफ आगामी लोकसभा चुनावों में आप प्रत्याशी खड़े करेगी.