दीपक ठाकुर:NOI।
16 अगस्त 2018 समय 5 बजकर 5 मिनट ये वो तारीख और समय है जिसने हमारे देश के लोकप्रिय नेता को हमसे सदा के लिए दूर कर दिया।खबर आ चुकी थी पर लोग यकीन करने से बच रहे थे वो सोच रहे थे कि शायद दुआएं अपना रंग दिखाएंगी और ये खबर गलत साबित हो जाएगी।लेकिन होता वही है जो नियती को मंजूर होता है आखिरकार वो खबर सच साबित हुई जिसने सभी की आंखे नम कर दी।
अटल बिहारी वाजपेयी वैसे तो भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता थे मगर देश उन्हें किसी पार्टी से जोड़कर नही देखता था उनका व्यक्तित्व ही उनकी पहचान थी जो विश्व विख्यात थी फिर बात चाहे कुशल राजनीती की हो या साहित्य की सभी मे उनका कोई जवाब नही था ऐसी लाजवाब शख्सियत के चले जाने से ऐसा लगा मानो एक युग का अंत हो गया है इसी की छाप आज हर जगह दिखाई दी।
जब उनका पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान पहुंचा तो वहां उनके अंतिम दर्शन के लिए दिग्गज नेताओं का हुजूम दिखाई दिया और जब उनका अंतिम कांरवा चला तो लागों की ऐसी भीड़ दिखाई दी मानो सभी ने किसी अपने को खो दिया हो और वो उसे अपने से दूर जाने ही ना देना चाहता हो।
सभी ने अटल जी को अपने अपने तरीके से श्रधांजलि अर्पित की व्यापारियों ने व्यापार बन्द कर दिया वही सरकारी गैर सरकारी संस्थाएं भी बंद रही कई लोग तो इस दिन व्रत रख कर अटल जी को याद करते और उन्हें श्रद्धांजलि देते नजर आए।अटल जी भले अब इस दुनिया मे नही हैं
लेकिन उनका बोया हुआ देश के लिए सदियों सदियों तक काम आएगा और ये देश उन्हें कभी भुला नही पायेगा।